कानपुर पुलिस उडा रही है जनसुनवाई पोर्टल का मजाक
कानपुर 13 जून 2017 (आर्दश शुक्ला). कानपुर पुलिस ने जनसुनवाई पोर्टल का मजाक बना रखा है। अधिकारियों द्वारा उलटे सीधे जवाब देकर केवल अपनी बला टालने का प्रयास किया जा रहा है। ताजा मामला बाबूपुरवा सर्कल का है। यहां पुलिस ने
या तो जानबूझ कर अथवा लापरवाही वश गलत केस की आख्या प्रेषित कर दी। वादी के शिकायत दर्ज कराने के बाद से महकमे में हड़कम्प मचा है।
बताते चलें कि जूही थानाक्षेत्र निवासी पप्पू यादव ने बीती दिनांक 24 मई 2017 को IGRS क्रमांक - 40016417002810 पर एफआईआर संख्या 0065/16 में झूठा फंसाये जाने के बारे में आईजी जोन को शिकायत दर्ज करायी थी। इसका जवाब 4 जून 2017 को सीओ बाबूपुरवा के हस्ताक्षर से IGRS पर अपलोड किया गया, जिसमें एक दूसरे एनसीआर मामले की जानकारी दी गई थी। इससे प्रतीत होता है कि आख्या देने वाले ने या तो जानबूझ कर अथवा लापरवाही वश गलत केस की आख्या प्रेषित कर दी थी।
वादी ने जब मामले कि शिकायत सीओ बाबूपुरवा से की तो उन्होंने कहा कि वो तो नये आये हैं उनको मामले की जानकारी नहीं है। इस पर वादी ने एसएसपी के पीआरओ को फोन करके मामला बताया उनके द्वारा सीओ बाबूपुरवा के पास जाने की सलाह दी गई। इस प्रकार अधिकारियाें द्वारा टरकाये जाने से व्यथित हो कर वादी ने मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसएसपी, आईजी जोन एवं जिलाधिकारी से शिकायत की है। वादी के शिकायत दर्ज कराने के बाद से महकमे में हड़कम्प मचा है।
विचारणीय तथ्य है कि ये मामला चाहे लापरवाही का हो या जानबूझ कर किया गया हो दोनों ही सूरतों में गम्भीर चूक हुयी है। अब देखना ये है कि सक्षम अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं,पर इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री चाहे जितना जोर लगा लें पर जब तक पुलिस अधिकारी अपना रवैया नहीं सुधारेंगे प्रदेश की दशा और दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
वादी ने जब मामले कि शिकायत सीओ बाबूपुरवा से की तो उन्होंने कहा कि वो तो नये आये हैं उनको मामले की जानकारी नहीं है। इस पर वादी ने एसएसपी के पीआरओ को फोन करके मामला बताया उनके द्वारा सीओ बाबूपुरवा के पास जाने की सलाह दी गई। इस प्रकार अधिकारियाें द्वारा टरकाये जाने से व्यथित हो कर वादी ने मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसएसपी, आईजी जोन एवं जिलाधिकारी से शिकायत की है। वादी के शिकायत दर्ज कराने के बाद से महकमे में हड़कम्प मचा है।
विचारणीय तथ्य है कि ये मामला चाहे लापरवाही का हो या जानबूझ कर किया गया हो दोनों ही सूरतों में गम्भीर चूक हुयी है। अब देखना ये है कि सक्षम अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं,पर इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री चाहे जितना जोर लगा लें पर जब तक पुलिस अधिकारी अपना रवैया नहीं सुधारेंगे प्रदेश की दशा और दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होगा।