कानपुर - हजरत अली की शहादत पर निकला अंजुमन रिज्विया का तारीखी जुलूस ए गम
कानपुर 13 जून 2017 (महेश प्रताप सिंह). कानपुर रिज़्विया का ऐतिहासिक जुलूसे गम अपनी परंपरा के अनुसार सोमवार की रात मनाया गया। जिसमें सोज़ खान ज़ीशान ने अली मुर्तजा के गम को इस अंदाज़ में बयां किया कि तमाम अजादारों की आँखों से आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
सोज़ खानी के बाद तक़रीर हुई जिसको जनाब एजाज हसनैन ने ख़िताब किया । हज़रत अली के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनकी सादगी भरी जिंदगी पर अपना बयान किया और उनकी तरह जीवन बिताने के लिए जोर दिया। तत्पश्चात शबीहे ताबूत व आलम मस्जिद से उठकर बाहर आया जिसमें लखनऊ से आई मेहमान अंजुमन कमरे बनी हाशिम, अंजुमन ए ज़फरुल ईमान ने अपने मख़्सूस अंदानज़ में नोहा खानी करके जुलूस में आए लोगों से दाद हासिल की। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होकर मस्जिद नवाब दूल्हा साहब पर समाप्त हुआ और लोगों ने सहरी करके रोजा रखा।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से मुमताज़ हुसैन, नवाब हुसैन, नवाब इम्तियाज, नवाब युसूफ, इब्ने हसन जैदी, सदाकत हुसैन, अली हैदर, मुन्ना वसि हैदर, हैदर नक़वी, शानू कबीर ज़ैदी, इसरार हुसैन ज़ैदी, आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
सोज़ खानी के बाद तक़रीर हुई जिसको जनाब एजाज हसनैन ने ख़िताब किया । हज़रत अली के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनकी सादगी भरी जिंदगी पर अपना बयान किया और उनकी तरह जीवन बिताने के लिए जोर दिया। तत्पश्चात शबीहे ताबूत व आलम मस्जिद से उठकर बाहर आया जिसमें लखनऊ से आई मेहमान अंजुमन कमरे बनी हाशिम, अंजुमन ए ज़फरुल ईमान ने अपने मख़्सूस अंदानज़ में नोहा खानी करके जुलूस में आए लोगों से दाद हासिल की। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होकर मस्जिद नवाब दूल्हा साहब पर समाप्त हुआ और लोगों ने सहरी करके रोजा रखा।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से मुमताज़ हुसैन, नवाब हुसैन, नवाब इम्तियाज, नवाब युसूफ, इब्ने हसन जैदी, सदाकत हुसैन, अली हैदर, मुन्ना वसि हैदर, हैदर नक़वी, शानू कबीर ज़ैदी, इसरार हुसैन ज़ैदी, आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।