रेजगारी बनी जी का जंजाल, कौन करे इसका इस्तेमाल
अल्हागंज 13 जुलाई 2017. अफवाहों के चलते अभी तक पन्द्रह लाईनों वाले दस रुपये के सिक्के दुकानदार और ग्राहक लेते नहीं थे, जिसकी वजह से ये चलन से बाहर हो गऐ थे। लेकिन अब एक, दो तथा पाँच रुपये के स्टील से बने छोटे सिक्कों पर भी संकट आ गया है। इलाके के दुकानदारों के पास कई-कई हजार रुपये के सिक्के एकत्र हो गऐ हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाज़ार में इस समय एक, दो तथा पाँच रुपये के स्टील से बने सिक्कों की बहुतायत है। प्रत्येक दुकानदार के पास कई कई हजार रुपये के सिक्के एकत्र हो गऐ हैं। लेकिन अफ़वाहों के चलते अब ग्राहक और दुकानदार ये सिक्के लेने से इनकार करने लगे हैं। सिक्कों से छुटकारा पाने के लिए दुकानदार बैंकों में जमा करने के लिए जाते हैं, लेकिन वहाँ भी जमा नहीं किये जाते हैं।
इस समस्या के चलते छोटे दुकानदार और गरीब उपभोक्ता परेशान हैं। सबसे तगडी मार गरीब ग्रामीणों पर ही पड रही है। जो खाने पीने की वस्तुयें लेने बाज़ार जाता है, दुकानदार सिक्के देखकर उसकी वस्तु रखवा लेते हैं। यहां तक अखबार, चाय, दूध बेचने वालों ने फुटकर ब्रिक्री बंद कर दी है। कुछ लोगों ने यह शिकायत पुलिस के 100 नम्बर पर भी की, तो वहाँ से लोगों को शिकायत थाने में दर्ज कराने को कहा गया।
दूसरी तरफ़ यहां की भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में एक-एक के 350 रुपये के सिक्के जमा करने परशुराम सेना के नगर अध्यक्ष अमित बाजपेयी गए तो कैशियर ने जमा करने से साफ मना कर दिया। जब इसकी शिकायत जिलाधिकारी के शिकायत सेल 05842220019 पर की गई। तो उनके आदेश पर शाखा प्रबंधक ने काफी मुश्किल से सिक्के जमा तो कर लिए लेकिन धमकाने से फिर भी बाज नहीं आए।