मंत्री बृजमोहन ने मंगाई प्रदेश भर के गौशालाओं की तीन दिनों में रिपोर्ट, विभाग में मचा हड़कंप
रायपुर 21 अगस्त 2017 (जावेद अख्तर). प्रदेश के कृषि-पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने संचालक पशु पालन विभाग छत्तीसगढ़ शासन से 3 दिवस के भीतर प्रदेश भर में संचालित हो रही गौशालाओं की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। देवेन्द्र गुप्ता, मीडिया प्रभारी द्वारा ये जानकारी खुलासा टीवी को दी गई।
इजराइल से दूरभाष द्वारा निर्देश देते हुए बृजमोहन ने दुर्ग के धमधा विकासखंड के ग्राम राजपुर स्थित शगुन गौशाला, बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के ग्राम गोडमर्रा स्थित फूलचंद गौशाला, एवं साजा क्षेत्र के ही ग्राम रानों स्थित मयूरी गौशाला, जहां बड़ी संख्या में गायों की मृत्यु हो गई थी, वहां की व्यवस्था तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए है। उन्होंने संचालक पशुपालन को निर्देशित करते हुए कहा है कि पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, उनके बेहतर स्वास्थ्य तथा उनके रहने की उचित व्यवस्था तत्काल हो। अगर उचित व्यवस्था की दृष्टि से गायों कही और शिफ्ट करने की आवश्यकता महसूस हो तो वह निर्णय भी तत्काल लिया जाए।
प्रशासन की जांच रिपोर्ट में मुख्य बिंदु ही गायब -
गायों की मौत के बाद मचे सियासी बवाल और पशुपालन मंत्री के जांच के आदेश के बाद गौशालाओं की जांच तो शुरू हो गई है। लेकिन दुर्ग और बेमेतरा जिले के जिन गौशालाओं में गायों की मौत का मामला उजागर हुआ है वहां की जांच को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि कलेक्टर दुर्ग ने गौशाला में हुई गायों की मौत की जांच के लिए दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि जिन 8 बिंदुओं पर जांच की जानी है उनमें गायों की मौत चारे के अभाव में हुई है यह बिंदु शामिल ही नहीं है। मतलब भूख का जिक्र ही नहीं किया गया। जबकि गायों की पीएम रिपोर्ट में भोजन और पानी का अभाव बताया गया है। दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस जांच की समय सीमा तय नहीं की गई है। मतलब बड़ा ही स्पष्ट है कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन इस मामले की लीपापोती में लग गया है।