बलरामपुर हॉस्पिटल में हो रही है लोकल परचेज के बजट की लूट-पाट
लखनऊ 22 अगस्त 2017 (लखनऊ ब्यूरो). बलरामपुर हॉस्पिटल में लोकल परचेज़ के बजट में धांधली का आरोप लगते हुए सोमवार को आम आदमी पार्टी ने बलरामपुर हॉस्पिटल के गेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बलरामपुर अस्पताल में डॉ मरीजों को दवाइयां बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदने को मजबूर करते हैं।
बलरामपुर अस्पताल में दवाइयों के नाम पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार, पैथोलोजी में वेटिंग के नाम पर अवैध वसूली एवं तमाम असुविधाओं के खिलाफ सोमवार को आम आदमी पार्टी यूथ विंग के अवध प्रांत सहप्रभारी कमर अव्वास के नेतृत्व में कई कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के गेट पर इकठ्ठे होकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।
जिला संयोजक गौरव माहेश्वरी ने कहा कि आम आदमी की जेब पर स्वास्थ्य विभाग पिछले कई वर्षों से डाका डाल रहा हैं | दवाइयों के नाम पर करोड़ों का बजट होने के बाबजूद भी मरीज को दवाइयां बाहर से मेडिकल से खरीदने को मजबूर किया जाता है। बलरामपुर अस्पताल में मरीज को एक रूपया के पर्चे पर डाक्टरी सलाह के साथ दवाएं देने का प्रावधान है। जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं होती है उन्हें लोकल परचेज के बजट से खरीद कर मरीजो को उपलब्ध कराने का नियम है | इसके लिय दवाओं के बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा लोकल परचेज पर खर्च किया जा सकता है। बलरामपुर अस्पताल में लोकल परचेज करने के लिय लगभग चार करोड़ का बजट है लेकिन ये सब बजट अधिकारी कागजों पर कार्यवाही कर बजट का अधिकांश भाग आपस में बंदर बाट कर लेते है।
जिला प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में डॉ मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदने के लिए एक अलग सादा पर्ची पर दवाएं लिखकर दे देते है, परेशान मरीज मजबूरी में उन दवाओं को खरीदता है। तमाम मरीजों से मिलकर इस बात की पुष्टि की गई है। कई मरीजों ने पार्टी पदाधिकारियों से पूर्व में और आज भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत की। लोकल परचेज के तहत दवाइयां वास्तविक रूप से मरीज को नही मिल रही हैं और अस्पताल प्रशासन और सत्ता पक्ष के दवंग नेता मिलीभगत कर जनता के हक को मारकर लूट-पाट कर रहे हैं। वहीँ पैथोलोजी में वेटिंग की बात कह कर प्राइवेट गार्ड एवं अन्य दलाल मरीजों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इन सब की जानकारी अस्पताल प्रशासन को है लेकिन मिलीभगत के कारण किसी के खिलाफ कोई कुछ नहीं बोलता। उन्होंने चिकित्सा मंत्री से मांग की है कि उच्चस्तरीय जाँच कराकर अस्पताल को भ्रष्टाचार से मुक्त कराएं और आधुनिक चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध कराकर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ दें.
अवध प्रांत यूथ विंग के सह प्रभारी कमर अव्वास ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल में शहर एवं आस-पास से बड़ी संख्या में लोग अपना इलाज कराने आते है | करोड़ों का बजट मिलता है लेकिन बड़ा अस्पताल होने के बाबजूद अभी तक एक भी वेंटिलेटर, आईसीयू तक तक नहीं है. सुविधाएं न होने की बात कहकर तमाम मरीजो को दूसरे अस्पतालों में भेज कर उससे अपना पल्ला झाड लेते हैं. मरीज की देखभाल सही से नहीं होती है, पूरे अस्पताल में हर जगह गंदगी व्याप्त है, तीमारदारों द्वारा किसी बात की जानकरी करने पर उनके साथ बत्तमीजी होती है। आज के प्रदर्शन में जिला कोषाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव, नजरुल हक़, कमर अव्वास, तुषार श्रीवास्तव, पी एल सोनी, राजू यादव, सनी मिर्जा, सईद मेहदी, अभिषेक, शशिकांत, नन्हा यादव, किश्वर जहाँ, सुभाशनी मिश्र, के के श्रीवास्तव, सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
बलरामपुर के निदेशक ने किया आरोपों को ख़ारिज -
जब हमारे संवाददाता ने इस बारे में बलरामपुर के निदेशक डॉ राजीव लोचन से पूछा तो उन्होंने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि मरीज़ों को उस पैसे से दवा मंगा कर दी जाती है। आरोप बे बुनियाद हैं किसी भी मरीज़ के साथ अगर ऐसा हुआ है तो वो मेरे पास आये मुझे बताये किस डॉ ने ऐसा किया है देखिये कैसी सख्त कारवाई करता हूँ। और जाँच में धांधली की बात को भी ख़ारिज करते हुए उन्होंने बताया की जाँच में अब कोई वेटिंग नहीं है। जो सैम्पल सिर्फ 11 बजे तक लिए जाते थे वो अब 24 घंटे लिए जा रहे हैं ताकि मरीज़ों को इलाज में किसी तरह की रुकावट न आये। शव वाहन सिर्फ एक था, हॉस्पिटल के पास 5 शव वाहन की मांग और की गयी है।
बलरामपुर अस्पताल में दवाइयों के नाम पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार, पैथोलोजी में वेटिंग के नाम पर अवैध वसूली एवं तमाम असुविधाओं के खिलाफ सोमवार को आम आदमी पार्टी यूथ विंग के अवध प्रांत सहप्रभारी कमर अव्वास के नेतृत्व में कई कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के गेट पर इकठ्ठे होकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।
जिला संयोजक गौरव माहेश्वरी ने कहा कि आम आदमी की जेब पर स्वास्थ्य विभाग पिछले कई वर्षों से डाका डाल रहा हैं | दवाइयों के नाम पर करोड़ों का बजट होने के बाबजूद भी मरीज को दवाइयां बाहर से मेडिकल से खरीदने को मजबूर किया जाता है। बलरामपुर अस्पताल में मरीज को एक रूपया के पर्चे पर डाक्टरी सलाह के साथ दवाएं देने का प्रावधान है। जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं होती है उन्हें लोकल परचेज के बजट से खरीद कर मरीजो को उपलब्ध कराने का नियम है | इसके लिय दवाओं के बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा लोकल परचेज पर खर्च किया जा सकता है। बलरामपुर अस्पताल में लोकल परचेज करने के लिय लगभग चार करोड़ का बजट है लेकिन ये सब बजट अधिकारी कागजों पर कार्यवाही कर बजट का अधिकांश भाग आपस में बंदर बाट कर लेते है।
जिला प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में डॉ मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदने के लिए एक अलग सादा पर्ची पर दवाएं लिखकर दे देते है, परेशान मरीज मजबूरी में उन दवाओं को खरीदता है। तमाम मरीजों से मिलकर इस बात की पुष्टि की गई है। कई मरीजों ने पार्टी पदाधिकारियों से पूर्व में और आज भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत की। लोकल परचेज के तहत दवाइयां वास्तविक रूप से मरीज को नही मिल रही हैं और अस्पताल प्रशासन और सत्ता पक्ष के दवंग नेता मिलीभगत कर जनता के हक को मारकर लूट-पाट कर रहे हैं। वहीँ पैथोलोजी में वेटिंग की बात कह कर प्राइवेट गार्ड एवं अन्य दलाल मरीजों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इन सब की जानकारी अस्पताल प्रशासन को है लेकिन मिलीभगत के कारण किसी के खिलाफ कोई कुछ नहीं बोलता। उन्होंने चिकित्सा मंत्री से मांग की है कि उच्चस्तरीय जाँच कराकर अस्पताल को भ्रष्टाचार से मुक्त कराएं और आधुनिक चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध कराकर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ दें.
अवध प्रांत यूथ विंग के सह प्रभारी कमर अव्वास ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल में शहर एवं आस-पास से बड़ी संख्या में लोग अपना इलाज कराने आते है | करोड़ों का बजट मिलता है लेकिन बड़ा अस्पताल होने के बाबजूद अभी तक एक भी वेंटिलेटर, आईसीयू तक तक नहीं है. सुविधाएं न होने की बात कहकर तमाम मरीजो को दूसरे अस्पतालों में भेज कर उससे अपना पल्ला झाड लेते हैं. मरीज की देखभाल सही से नहीं होती है, पूरे अस्पताल में हर जगह गंदगी व्याप्त है, तीमारदारों द्वारा किसी बात की जानकरी करने पर उनके साथ बत्तमीजी होती है। आज के प्रदर्शन में जिला कोषाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव, नजरुल हक़, कमर अव्वास, तुषार श्रीवास्तव, पी एल सोनी, राजू यादव, सनी मिर्जा, सईद मेहदी, अभिषेक, शशिकांत, नन्हा यादव, किश्वर जहाँ, सुभाशनी मिश्र, के के श्रीवास्तव, सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
बलरामपुर के निदेशक ने किया आरोपों को ख़ारिज -
जब हमारे संवाददाता ने इस बारे में बलरामपुर के निदेशक डॉ राजीव लोचन से पूछा तो उन्होंने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि मरीज़ों को उस पैसे से दवा मंगा कर दी जाती है। आरोप बे बुनियाद हैं किसी भी मरीज़ के साथ अगर ऐसा हुआ है तो वो मेरे पास आये मुझे बताये किस डॉ ने ऐसा किया है देखिये कैसी सख्त कारवाई करता हूँ। और जाँच में धांधली की बात को भी ख़ारिज करते हुए उन्होंने बताया की जाँच में अब कोई वेटिंग नहीं है। जो सैम्पल सिर्फ 11 बजे तक लिए जाते थे वो अब 24 घंटे लिए जा रहे हैं ताकि मरीज़ों को इलाज में किसी तरह की रुकावट न आये। शव वाहन सिर्फ एक था, हॉस्पिटल के पास 5 शव वाहन की मांग और की गयी है।
(फोटो जर्नलिस्ट वहाबउद्दीन सिद्दीकी के साथ ए.एस खान)