एक दर्जन आईएफएस अधिकारियों पर दंड की अनुशंसा, मगर अभी तक सरकार ने नहीं दी अनुमति
रायपुर 21 अगस्त 2017 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ सरकार जहां खुद की हिलती डुलती सत्ता को स्थिर करने के लिए तमाम तरह के प्रयास करने में जुटी हुई है, संभवतः इसी क्रम में पहले कई विभागों के आईएएस अधिकारियों के भ्रष्टाचार घोटाले और आर्थिक अनियमितता के आरोप लगे तथा विभागीय जांच पूरी हुई, जिसमें इन अफसरों के खिलाफ दंड की अनुशंसा की गई है। मगर अभी तक सरकार ने अनुमति नहीं दी है।
वहीं इसके चंद दिनों पश्चात ही आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ भी सज़ा की अनुशंसा करने की रिपोर्ट सामने आई है। ये सभी आईएफएस अधिकारी ऐसें हैं जिन पर भ्रष्टाचार, गबन, घोटाले, अवैधानिक भर्ती एवं आर्थिक अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगे एवं शिकायतें दर्ज हुई। परंतु अब विभागीय जांच पूरी हो गई है।
वहीं इसके चंद दिनों पश्चात ही आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ भी सज़ा की अनुशंसा करने की रिपोर्ट सामने आई है। ये सभी आईएफएस अधिकारी ऐसें हैं जिन पर भ्रष्टाचार, गबन, घोटाले, अवैधानिक भर्ती एवं आर्थिक अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगे एवं शिकायतें दर्ज हुई। परंतु अब विभागीय जांच पूरी हो गई है।
विभागीय जांच रिपोर्ट में इन सभी अधिकारियों के खिलाफ अंतिम दंड निर्धारण की अनुशंसा कर दी गई है। वेबपोर्टल पर सरकारी दस्तावेज मौजूद हैं जिसमें इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा द्वारा छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन से मिले दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने का उल्लेख किया गया हैं। जिनके मुताबिक, भारतीय वन सेवा के ये सभी ऐसे अफसर हैं जिनके खिलाफ राज्य सरकार कभी भी कार्रवाई करने का आदेश दे सकती है।
कांग्रेस ने कहा जानबूझकर कारवाई नहीं कर रही -
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जांच रिपोर्ट में जिन आईएफएस अफसरों के खिलाफ सज़ा की अनुशंसा की गई है उनमें से कुछेक अफसर मंत्री और मुख्यमंत्री से सीधे जुड़े हुए हैं और सरकार के लिए सभी अवैधानिक कार्यों को अंजाम देतें हैं, इसी कारणवश सरकार इस बात से डर रही कि कार्यवाही करने के बाद कोई आईएफएस अफसर नाराज हो गया तो मुखिया और मंत्री का सब काला पीला खोल देगा। वहीं विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट आए कई माह बीत गए मगर सरकार द्वारा इस रिपोर्ट पर कोई लिखित आदेश या दिशा निर्देश 20 अगस्त 2017 तक प्राप्त नहीं हुए हैं। इससे विपक्ष के द्वारा लगाए गए आरोपों में दम है।
इन आईएफएस अफसर के विरूद्ध दंड की अनुशंसा -
1) राकेश चतुर्वेदी, आईएफएस
दोषी : रायपुर में 52 आरा मशीनों, 28 काष्ठागारों एवं निस्तार/उपभोक्ता डिपो के भौतिक सत्यापन एवं अन्य कार्यों से संबंधित प्रस्तुत देयकों में अनियमितत। जांच पूरी। दंड की अनुशंसा..
2) एस.एस.डी. बड़गैय्या, आईएफएस
दोषी : रायपुर वनमंडल में 204 फर्जी प्रमाणक एवं महासमुंद वनमंडल में 14 फर्जी प्रमाणक पाए जाने के संबंध में। जांच पूरी। सज़ा की अनुशंसा..
3) बी.पी. सिंह, आईएफएस
दोषी : अचानकमार अभ्यारण्य बिलासपुर में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत अनियमितता। जांच पूरी। दंड की अनुशंसा..
4) एम. गोविन्द, आईएफएस
दोषी : नारायणपुर वनमंडल के अंतर्गत क्रय में अनियमितता। जांच पूरी। सज़ा की अनुशंसा..
5) वी.एस. लकड़ा, आईएफएस
दोषी : कांकेर में वर्ष 2008-09 में नरेगा योजनांतर्गत सड़क किनारे वृक्षारोपण में निजी रोपणी बीज संग्रहण एवं फलोद्यान उत्पादक सहकारी समिति कांकेर से पौधे क्रय में अनियमितता। जांच पूरी। दंड की अनुशंसा..
6) हेमन्त कुमार पाण्डे, आईएफएस
दोषी : उदंती वनमंडल में क्षेत्राधिकार के बाहर के वनमंडलों की 214 आरा मशीनों एवं 14 कोष्ठागारों, निष्तार/उपभोक्ता डिपो के भौतिक सत्यापन में अनियमितता। जांच पूरी। सज़ा की अनुशंसा..
7) वी.एस. ध्रुव, आईएफएस
दोषी : पूर्वी सरगुजा वनमंडल में साल बीज सीजन में रामानुजगंज समिति में समिति रामानुजगंज 'ब' फड़ में 4022.5 क्विंटल साल बीज अवैधानिक रुप से संग्रहित करने के संबंध में। जांच पूरी। दंड की अनुशंसा..
8) आर.के. तिवारी, आईएफएस
दोषी : खैरागढ़ वनमंडल में प्रमाणकों के विरुद्ध अग्रिम धनादेश जारी करने के संबंध में। जांच पूरी। सज़ा की अनुशंसा..
9) सी.एल. अग्रवाल, आईएफएस
दोषी : पूर्वी सरगुजा वनमंडल अंबिकापुर में सेमरसोत अभ्यारण्य में अवैध कटाई पर उचित नियंत्रण में न रखने के संबंध में। जांच पूरी। दंड की अनुशंसा..
दोषी : पूर्वी सरगुजा वनमंडल में साल बीज सीजन में रामानुजगंज समिति में समिति रामानुजगंज 'ब' फड़ में 4022.5 क्विंटल साल बीज अवैधानिक रुप से संग्रहित करने के संबंध में। जांच पूरी। सज़ा की अनुशंसा..
10) एस.सी. रहटगांवकर, आईएफएस
दोषी : भानुप्रतापपुर में आवश्यकता से अधिक सामग्री क्रय करने, सक्षम कार्यालय से क्रय करने हेतु स्वीकृति प्राप्त न करने एवं संघ द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन न करने तथा क्रय संबंधी अभिलेख के संधारण में लापरवाही बरतने के संबंध में। जांच पूरी। दंड की अनुशंसा.
'आरोप : वन विद्यालय अमरकंटक में बिना अनुमति के सामग्री का क्रय भंडार, क्रय नियम का पालन नहीं करना, सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी, राजकीय राशि का गलत तरीके से उपयोग कर फर्जी प्रमाणक बनाया। माननीय उच्च न्यायालय से स्टे.
11) एस.पी. रजक, आईएफएस