क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर सैकड़ों आदिवासी महिलाएं पहुंची कलेक्ट्रेट
सुकमा 9 अगस्त 2017 (रवि अग्रवाल). घोर नक्सल प्रभावित इलाके चिंतलनार से लगभग सौ से अधिक आदिवासी महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। राशन नहीं मिलने सहित कई मांगों को लेकर ये महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची थीं। कलेक्टर ने महिलाओं की मांग का तुरंत ही समाधान कर दिया।
बुधवार को चिंतलनार और आश्रित ग्राम नरसापुरम से करीब सौ से ज्यादा आदिवासी महिलाएं अपनी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पहुँची। महिलाओं ने बताया कि उन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिला है। बारिश में यहां कि सड़कें बदहाल हो जाती है। कई जगह पुल खोदकर रख दिए हैं, जिसके कारण आवागमन प्रभावित है। यही वजह है कि वहाँ राशन नहीं मिल रहा है। पिछले छ: माह से सोलर प्लांट खराब पड़ा हुआ है। दरअसल उस इलाके में सलवा जुडूम 2005 के समय नक्सलियों ने बिजली पोल को गिरा दिया था। तब से वहां लाइट नहीं है। कुछ साल पहले प्रशासन ने सोलर प्लांट लगाया था। वो भी अक्सर खराब होता रहता है। पिछले कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है।
इसके अलावा भी कई समस्या हैं जैसे केरोसिन तेल 2016 से नहीं मिल रहा है। सोलर प्लांट खराब पड़ा हुआ है। चिंतलनार में गैस सिलेंडर नहीं है, स्टाफ नर्स नहीं है, स्कूल की परेशानी, हैडपम्प की कमी है, तालाब की सफाई नहीं हुई ऐसी कई समस्याएं हैं। सरपंच पति पोड़ियाम कोसा ने बताया कि गाँव में बहुत समस्याएं हैं। मूलभूत समस्याओं के अलावा राशन जैसी दिक्कतों के कारण वहां के लोग परेशान हैं। वहीं कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने महिलाओं की समस्यों को सुना और गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल दो नलकूप की स्वीकृति दी। साथ ही राशन की शिकायत पर सोसायटी अब ग्राम पंचायत चलाएगी। वहीं एक समुदायिक भवन की भी स्वीकृति दी। कलेक्टर ने गैस सिलेंडर पर कहा कि जिनका नाम सर्वे में है उनको मिल जायेगा।