पीएम उज्ज्वला गैस योजना में नियम हुए तार तार, वो ही वितरण कर गया नहीं जिसे अधिकार
महासमुंद 19 सितंबर 2017 (शिखा दास). जिले के 123 पंचायतों की तहसील पिथौरा, आरंग के बाद छग की सबसे बड़ी तहसील, में प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना कुछ ऐसी ही अवस्था में चलाई जा रही, जिसमें पात्र हितग्राहियों की बजाए मुंह देखकर सिलेंडर वितरण किया जा रहा और हैरानी का विषय है कि सरपंचपति को वितरण करने का अधिकार नहीं है मगर सरपंचपति ही योजनान्तर्गत वितरण कर रहा।
खाद्य विभाग और जनपद पंचायत पिथौरा ने, अधिकार न होने के बावजूद, सरपंचपति को वितरण से लेकर सभी कार्य करने की अनुमति दे दी है क्या क्योंकि यहां खाद्य विभाग सरपंचपतियों के सामने नतमस्तक नजर आ रहे, वहीं जनपद बाबू और अफसरों की बेबसी है या राजनीतिक दबाव है या फिर कमीशनखोरी? ये जांच का विषय है।
खाद्य विभाग और जनपद पंचायत पिथौरा ने, अधिकार न होने के बावजूद, सरपंचपति को वितरण से लेकर सभी कार्य करने की अनुमति दे दी है क्या क्योंकि यहां खाद्य विभाग सरपंचपतियों के सामने नतमस्तक नजर आ रहे, वहीं जनपद बाबू और अफसरों की बेबसी है या राजनीतिक दबाव है या फिर कमीशनखोरी? ये जांच का विषय है।
सरपंचपति बने चर्चा का विषय -
पिथौरा जनपद से सटी हुई ग्राम पंचायत लहरौद में सरपंचपति अजय नंद द्वारा पंचायत भवन के सामने अकेले ही उज्ज्वला योजना के तहत बकायदा गैस सिलेंडर वितरित किया और फिर सोशल मीडिया पिथौरा में खबरें फटाफट प्रेषित भी कर दिए। ये तो हद ही हो गई, लगता है सरपंचपति अजय नंद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में है या होंगे, इसीलिए रसूखदारी दिखा रहे। हालांकि सरपंचपति द्वारा वितरण एवं फोटो पोस्ट करने के बाद से यह काफी अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है।
वितरण के दौरान अफसर एवं प्रतिनिधि नदारद -
अतिमहत्वपूर्ण प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के अंतर्गत खाद्य अधिकारी, एसडीएम, सीईओ, योजनान्तर्गत प्रभारी अफसर, पंचायत अध्यक्ष एवं विधायक आदि कोई भी वितरण के दौरान उपस्थित नहीं थे। स्वंय महिला सरपंच तथा बाकी पंचायत प्रतिनिधि भी उपस्थित नहीं थे, यहां तक कि पंचायत सचिव श्रीमती आरती पटेल भी उपस्थित नहीं थी।
योजनान्तर्ग शासन द्वारा तय नियम -
केंद्र शासन द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत ग्रामीण एवं अकेली या विधवा महिलाओं को गैस चूल्हा, सिलेंडर आदि सामग्री वितरित किया जाता है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे चूल्हे का उपयोग होना बंद हो।
शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस -
योजनान्तर्ग खाद्य विभाग, जनपद पंचायत के अधिकारियों एवं सरपंच व सचिव आदि की उपस्थिति में ही निर्धारित सामग्री का वितरण करना तय किया गया है। तो वहीं समस्त सामग्री नि:शुल्क वितरण करना होता है।
छग शासन का पंचायत को स्पष्ट निर्देश -
छग शासन व प्रशासन के निर्देशानुसार, पंचायत के कार्यों में सरपंचपति, महिला सरपंचों के कार्यों में बिल्कुल दखल नहीं दे सकते। विभागीय बैठक में सम्मिलित नहीं हो सकते, पत्नी सरपंच के स्थान पर सरपंचपति द्वारा कोई भी आदेश मान्य नहीं होगा और न ही किसी भी पत्रक या अन्य दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कर सकता है।
नियमों का खुलेआम मजाक बन रहा -
छग शासन के सर्कुलर व पंचायत राज अधिनियम का खुला माखौल सरपंचपतियों द्वारा उड़ाया जा रहा है। छग की पंचायत भवनों को सरकार या उनकी एजेंसी ने सरपंचपतियों को सौंप दिया है क्या, क्योंकि अनेक ग्रामों के सरपंचपति फाइल लेकर पूरे जनपद में नज़र आतें हैं। विभागीय बैठकों में शामिल हो रहे और कार्यों के आदेश दे रहे।
महत्वपूर्ण योजनाओं का बंटाधार -
केंद्र व राज्य सरकारों की लाखों करोड़ों की महत्वपूर्ण योजनाओं में सरपंचपति खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे और ग्रामीण बेबस नजर आ रहे। सरपंचपति पंचायतों के सभी विकास कार्य कागजों पर कर रहे और फाइलों को दबाकर लाखों की राशि गबन कर ले रहे। ऐसे में अगर सरकार की सभी जनहित एवं महिलाओं के उत्थान को लेकर बनाई गई योजनाओं में सरपंचपति बाहुबली की तरह दखलअंदाजी कर कागजों में विकास एवं उत्थान के कार्य करेंगे तो वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं तक योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा। ऐसे में महिला आरक्षण का औचित्य ही क्या?
अफसर लापरवाह और गैरजिम्मेदार -
खाद्य अधिकारी श्री साहू से प्रतिनिधि ने उक्त मामले को लेकर बातचीत की जिस पर उन्होंने सविस्तार जानकारी देने की बजाए गोलमोल जवाब देते रहे। लगता है सरपंचपतियों से काफी गहरा दोस्ताना है इसीलिए नियम एवं दिशा निर्देशों के उल्लंघन के बावजूद भी उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कब कहां किसने वितरण किया।
भावी योजना का बेड़ा गर्क -
प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना जब ऐसे खाद्य विभाग के नमूने चला रहे, तो उस योजना का बेड़ा गर्क होना निश्चित है। जबकि इनके कंधे पर 123 पंचायतों में सामग्री वितरण का भार है मगर खाद्य अधिकारी एजेंसी व सरपंच पतियों के भरोसे सामग्री वितरण की जिम्मेदारी छोड़ दिए हैं। नवपदस्थ एसडीएम पिथौरा एवं सरपंचपति अजय नंद से जानकारी लेने के लिए मोबाइल पर सम्पर्क किया गया परंतु उन्होंने काल रिसिव नहीं किया तो वहीं सरपंच सचिव श्रीमती पटेल का मोबाइल फोन बंद मिला।
खाद्य अधिकारी ने बताया कि नियम एवं दिशा निर्देश की बात सुनने के बाद खाद्य अधिकारी साहू के सुर बदले और उन्होंने कहा कि गैस एजेंसी चाहे तो वो किसी से भी सामग्री का वितरण करवा सकती है। वैसे भी मुझे और विभाग एवं अन्य प्रतिनिधियों को इससे कोई भी दिक्कत नहीं है। हां अगर पात्र/अपात्र हितग्राही की सूची की बात हो और अगर अपात्रों को सामग्री वितरित की गई है तो बताइए। मगर सरपंचपति द्वारा वितरण करने पर कुछ नहीं बोलूंगा।
* प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सामग्री सरपंचपति नहीं बांट सकते हैं। ऐसा पूर्णरूपेण से गलत एवं अनुचित है। - श्री मीणा, सीईओ, जिला पंचायत पिथौरा