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ट्रैफिक कन्ट्रोल करने के बजाए दि‍न भर पेपर चेक करती रहती है ट्रैफिक पुलिस ??

लखनऊ 21 सितम्‍बर 2017. लखनऊ की सड़कों पर पहले जैसे लगता था आज भी वैसे ही जाम लगता है, आज भी जनता जाम से जूझ रही है। इसकी असली वजह है ट्रैफिक पुलिस का ट्रैफिक कंट्रोल करने पर ध्यान ना होकर सिर्फ गाड़ियों के पेपर चेक करने पर ही ध्यान लगाना। इसका जीता जागता सुबूत लखनऊ के अवध चौराहे पर आसानी से देखने को मिल जाएगा जहां सुबह से लेकर शाम तक पुलिस वाले केवल गाड़ियों को रोक रोक कर उनके पेपर ही चेक करने में लगे रहते हैं।


विशेष तौर पर उनके निशाने पर वह गाड़ियां रहती हैं जो दूसरे जिलों की होती हैं क्‍योंकि इसमें कमाई की सम्‍भावना ज्‍यादा होती है। अवध चौराहे के ऊपर आए दिन जाम लगता था, जिसकी असली वजह अवध चौराहे के ऊपर लगने वाली पान की गुमटियां व चाट के ठेले थे। लगभग 15 फिट रोड तो यही लोग घेर लेते थे और उनके आगे  टैक्सी वाले अपनी सवारियां भरने के चक्कर में बीच रोड पर अपनी टैक्सी खड़ी कर देते थे जिससे की चौराहे पर जाम लगता था।

प्रशासन ने इस रोज़ रोज़ की जाम की समस्या को देखते हुए चौराहे पर लगने वाले तमाम चाट के ठेले और गुमटियों को वहां से हटा कर आधा किलो मीटर दूर शिफ्ट कर दिया ताकि यह टेंपो वाले बीच रोड में खड़े होकर सवारी ना भरें तथा रोड के किनारे टैक्सी टेम्पो लगा कर सवारी भरे और ऐसा करने से कुछ दिन तक चौराहे पर वातावरण बड़ा शांत और अच्छा हो गया था चौराहे पर जाम लगने की समस्या भी किसी हद तक कम हो गई थी। किंतु यह अच्छे दिन कुछ ही दिन तक रहे और टेंपो वाले पुन: अपनी सवारी के चक्कर में चौराहे पर बीच रोड पर खड़े होकर सवारी भरने लगे रोड के किनारे लगभग 30 फीट की जगह खाली पड़ी रहती है और यह लोग बीच रोड पर खड़े होकर सवारी भरते हैं। जिससे कि जाम की समस्या पुन: उत्पन्न हो गई है और चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी इस ओर ध्यान ना देकर सिर्फ और सिर्फ सुबह से लेकर शाम तक गाड़ियों के पेपर चेक करने में ही लगे रहते हैं। जनता फिर से जाम की समस्या से जूझ रही है पुलिसकर्मी गाडियों के पेपर चेक करने और जेबें भरने में मस्त हैं।




(वहाब उद्दीन सिद्दीकी के साथ ए.एस खान लखनऊ ब्यूरो)