नगर पंचायत अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग आरक्षित होने से दलीय समीकरण बिगडे
अल्हागंज 14 अक्टूबर 2017. नगर पंचायत अल्हागंज का अध्यक्ष पद रैपिड सर्वे के आधार पर पिछड़ा वर्ग आरक्षित घोषित होने से सभी दलों के बने बनाए समीकरण बिगड़ गए है। अब सभी दलों को नए मंथन के बाद प्रत्याशी घोषित करना पडेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 1989 में प्रथम बार नगर पंचायत का चुनाव हुआ था। जिसमें लगातार तीन बार स्वर्गीय प्रयाग नारायण गुप्ता को चेयरमैन बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वर्ष 2006 में हुए चुनाव में सगीर अहमद चेयरमैन बने थे। इसके बाद वर्ष 2012 में हुए चुनाव में पूर्व चेयरमैन स्वर्गीय प्रयागनरायण गुप्ता की पुत्र वधू चन्द्रेश गुप्ता (पत्नी अनिल गुप्ता) चेयरमैन निर्वाचित हुई थी। अब वर्ष 2017 में हुए नगर पंचायत के हुए रैपिड सर्वे में लगभग 68% पिछड़ा वर्ग की आबादी घोषित की गई।
इसी सर्वे को आधार मानकर यहां की नगर पंचायत चेयरमैन पद पिछड़ा वर्ग आरक्षित घोषित कर दिया गया। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 14 हजार 740 है। निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पंचायत चेयरमैन का पद पिछड़ा वर्ग आरक्षित घोषित किये जाने के बाद सभी दलों को अपने अपने प्रत्याशियों की चैन में माथापच्ची करनी पड रही है। जिसमें भाजपा की तरफ से दो नये चेहरे सामने आ रहे है। वहीं सपा की तरफ से तीन चेहरे सामने आ रहे है जबकि बसपा और काग्रेस की तरफ़ से अभी किसी भी प्रत्याशी ने अपना दावा नहीं ठोका है।
खुलासा टीवी ने 24 सितम्बर को रैपिड सर्वे तथा हिन्दी वर्ण माला अ के आधार पर अल्हागंज नगर पंचायत चेयरमैन का पद पिछड़ा वर्ग आरक्षित होने की खबर दी थी जो कि सच साबित हुई क्योंकि 58% आबादी वाले नगर पंचायत के चेयरमैन पद आरक्षण के दायरे में आ रहा था। जबकि यहां 68% आबादी पिछड़ा वर्ग की है। इसी के तहत यहां का चेयरमैन पद पिछड़ा वर्ग आरक्षित घोषित हो गया।