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यातायात पुलिस : भाड़ में जाये जनता, हमें तो केवल वसूली की चिंता

कानपुर 03 अक्‍टूबर 2017 (सूरज वर्मा). कानपुर की ट्रैफिक पुलिस अपने अधिकारी को खुश रखने और अपने काम को बेहतर दिखाने के चक्कर में आज कल केवल वाहनों की चेकिंग और ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूली के उपर फोकस कर रही है, शहर में लगने वाले जाम से उसका कोई लेना देना नहीं है। 


आपको बता दें कि जिले की यातायात पुलिस वाहन चेकिंग व चालान करके हर रोज राजस्व तो वसूल रही है पर शहर में लगने वाले जाम से कोई मतलब नहीं रख रही है। कभी कभार किसी वीआईपी मूवमेंट पर यातायात विभाग कभी भले ही सक्रीय हो जाए पर आमतौर पर इसका जाम से कोई मतलब नहीं है। कानपुर की जनता का कहना है कि यातायात पुलिसकर्मी अपने चिन्हित स्थानों पर आए दिन अपने मातहतों के साथ चेकिंग करते तो दिख जाते करते हैं पर सवारी भरने वाले वाहनों व शहर में अन्य तरीके से लगने वाले जाम से उन्‍हें कोई सरोकार नहीं रहता है। 

काकादेव थाना क्षेत्र के देवकी टाकीज चौराहे पर चाय की दुकान में बैठ कर वाहनों के पेपर चेक कर रहे एचसीपी धर्मेन्‍द्र कुमार सिंह ने अनाधिकारिक रूप से हमारे संवाददाता को बताया कि हम भी क्‍या करें, हमारी भी मजबूरी है। हमें ऊपर हिसाब देना होता है। अब इस ऊपर वाले हिसाब के चक्‍कर में जनता का बही खाता बिगड़ा जा रहा है इसकी चिन्‍ता किसी को नहीं है। 


बताते चलें कि बीते दिनों बडे चौराहे पर बाइक सवार एक युवक को रोकने के चक्‍कर में  उसकी बाइक में सिपाही ने लात मार दी थी। जिससे बाइक तो गिरी ही सिपाही महोदय भी चौराहे पर ही धराशाही हो गये थे। अब एैसे में यदि कोई बड़ा हादसा हो जाता तो कौन जिम्‍मेदार होता. बात अगर जिम्‍मेदारी की करें तो विशेष उल्‍लेखनीय है कि पूरे सूबे में पुलिस की गाडियों का बीमा नहीं है और ये अनियमित्‍ता डीजीपी से लेकर सिपाही तक किसी को दिखाई नहीं देती है.

अजीब बात है कि पुलिस वालों को भारी प्रदूषण फैला रहे टैंपो, ओवर लोड नगर बस, लोडर व ट्रक या सडकों पर लगा जाम नहीं दिखता है, बस आम वाहन चालक ही समाज के दुश्‍मन दिखते हैं। इन लुटाई केन्‍द्रों से त्रस्‍त कानपुर के नगरवासियों ने एसएसपी/डीआईजी से अपील की है कि जरा वह यातायात निरीक्षक को जाम पर भी नजर रखने की हिदायत दें, जिससे स्थानीय जनता के साथ साथ कानपुर में आने-जाने वाले बाहरी लोगों को परेशानी न हो।