Breaking News

कलेक्टर ने दिए समितियों को निर्देश, धान खरीदी में ज़रा भी हुई गड़बड़ी तो सीधे होगी कार्रवाई

रायपुर 17 अक्टूबर 2017 (रवि गेंद्रे). बेमेतरा कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने कहा कि इस वर्ष धान खरीदी में किसी प्रकार की गड़बड़ी अक्षम्य होगी, वहीं सीधे संबंधितों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसलिए लापरवाही न बरतें। कलेक्टर श्री गोयल ने आगे कहा कि जिले के 54 सहकारी समितियों के 86 धान उपार्जन केन्द्रों में समुचित व्यवस्था 30 अक्टूबर तक पूर्ण कर लिया जाए।


शासन के निर्देशानुसार इस वर्ष 15 नवम्बर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक खरीफ धान फसल की खरीदी होगी। कलेक्टर ने कहा कि शासन द्वारा जिला सूखाग्रस्त घोषित होने के कारण गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम धान खरीदी होगी, लेकिन शासन द्वारा धान पर दिए जा रहे बोनस को लेकर किसान अतिरिक्त धान बिक्री करना चाहेंगे। ऐसे में समिति प्रबंधक को अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए धान खरीदी पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उपलब्ध कराई गई शासन की धान खरीदी संबंधी मेटर का समिति प्रबंधक भलीभांति अध्ययन कर लें, इससे उन्हें धान खरीदी व्यवस्था में सहूलियतें होंगी। इस अवसर पर बेमेतरा के एसडीएम, खाद्य अधिकारी, सीसीबी नोडल अधिकारी, सहकारी समिति के सहायक पंजीयक, जिला विपणन अधिकारी एवं जिले के सहकारी समितियों के समिति प्रबंधक उपस्थित थे। बेमेतरा जिले के कलेक्टोरेट के दिशा सभाकक्ष में जिले में खरीफ धान खरीदी की तैयारी हेतु आयोजित समिति प्रबंधकों की प्रशिक्षण में कलेक्टर द्वारा उक्ताशय के निर्देश दिए गए। 

कलेक्टर ने दिए निर्देश - 
धान खरीदी हेतु धान रकबे का पंजीयन जरूरी है, पंजीयन की रेण्डम जांच होगी। पंजीयन में धान रकबा ही हो, अन्य फसलों का पंजीयन न हो यह सुनिश्चित किया जाये। समितियों में डाटा एंट्री में गलती नहीं होना चाहिए। समिति प्रबंधक संबंधित अमलों को भलीभांति अवगत करा देंवे। बारदाना सुपरवाईजर शासकीय अमला होना चाहिए।

अपनी जिम्मेदारी समिति सही से निभाए - 
कलेक्टर ने कहा कि समिति को उपलब्ध कराये जा रहे बारदाना चेक करना समिति का काम है। समिति प्रबंधक यह ध्यान रखें की किसी भी स्थिति में धान खरीदी हेतु पुराना बारदाना नहीं लिया जाये। उन्होंने समिति प्रबंधकों को धान केन्द्र तक एप्रोच रोड ठीक करा लेने के भी निर्देश दिए, ताकि खरीदी केन्द्रों तक वाहन की आवाजाही सुगम हो। प्रशिक्षण के दौरान समिति प्रबंधकों के जिज्ञासाओं और उनके समस्याओं का भी समाधान किया गया।