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निकाय चुनाव - जनता रहना होशियार, चुनाव लड़ रहे रंगे सियार

कानपुर 13 नवम्‍बर 2017 (सूरज वर्मा). निकाय चुनाव करीब आते ही कई बदमाश अपराध छोड़कर सफेदपोशों में शामिल हो गए हैं। इनमें से कई तो खुद चुनाव लड़ रहे हैं या अपनी पत्‍नी अथवा भाई को चुनाव लडा रहे हैं और कुछ चुनाव बाद ठेके-पट्टे के लालच में अभी से प्रत्याशियों के पीछे घूम रहे हैं। निकाय चुनाव ने बदमाशों को भी नया प्लेटफार्म दे दिया है। 


चोरी व छिनैती कर खर्च चलाने वाले छुटभैय्ये बदमाश, भूमाफिया और गुण्‍डे चुनावी माहौल में सफेद पैंट शर्ट पहन कर नेता बन गये हैं। प्रत्याशियों की ओर से इनके लिये भोजन से लेकर बेहतरीन शाम गुजारने तक का बंदोबस्त किया जा रहा है। यही नहीं चुनाव जीतने के बाद करीबियों को आने वाले समय के सुनहरे सपने भी दिखाए जा रहे हैं। जिसके बदले में ये अपराधी जनता को धमका कर अपने-अपने प्रत्‍याशी के पक्ष में वोटिंग करवाने की तैयारी में हैं। विदित हो कि बीते दिनों लखनऊ में एक पार्षद प्रत्याशी के जुलूस में शामिल होने आए इनामी बदमाश ठाकुरगंज के नेवाजगंज निवासी शिवम रस्तोगी व उसके साथी शिवम सोनी उर्फ ओबामा की गिरफ्तारी के बाद अब ये बात साफ हो गयी है कि निकाय चुनाव अपराध से रंगे हाथों को उजला करने का शार्टकट बन चुके हैं। 

बताते चलें कि कानपुर ईस्‍ट के दो हिस्ट्रीशीटर व उनके भाई भी निकाय चुनाव में पर्दे के पीछे से अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। इनमें एक हिस्ट्रीशीटर पूर्व सरकार में काफी मजबूत स्थिति में था और दूसरा नशीले पदार्थो के धंधे में है। इसी तरह साउथ के तीन हिस्ट्रीशीटर भी चुनावी नाव पर सवार हैं। सूत्रों का कहना है कि वेस्‍ट कानपुर के दो हिस्ट्रीशीटर एक पूर्व विधायक के खेमे में हैं। वह भी अपने प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करने की तैयारी में हैं। एक श्रीमान जो अपराधी होने के साथ-साथ केस्‍को के बडे डिफाल्‍टर भी हैं वो इस बार अपने अंकल को चुनाव संग्राम में उतार रहे हैं। इसके अलावा कई थानों के छुटभइये अपराधी और बडे हिस्ट्रीशीटर अपनी-अपनी राजनैतिक जमीन तलाशने में जुटे हैं। हमारी Khulasa TV की टीम चुनावी रंग में रंगे सियारों को तलाशने के लिये कमर कस चुकी है और जल्‍द ही जनता के सामने इन तथाकथित सफेदपोशों को बेनकाब किया जायेगा। जिससे जनता को इन भेड़ की खाल में छुपे भेडि़यों की असलियत मालूम हो सके।