जेब हमारी भर डालो फिर क्राइम कोई भी कर डालो
07 दिसम्बर 2017 (सूरज वर्मा). सरकार चाहे सायकिल की हो, हाथी की, पन्जे की या कमल की पर पुलिस अपनी ही धुन में रहती है। सूत्रों की माने तो सभी प्रकार के जरायम करवाने का ठेका स्वयं पुलिस वालों ने ले रखा है। ऐसे सभी अवैध धंधे वालों से खुलेआम रुपये की वसूली हो रही है। इसके लिए इनके निजी दलाल सेट हैं, जो वसूली की रकम पुलिस वालों तक पहुंचाते हैं।
जानकारी के अनुसार दलालों के माध्यम से कई पुलिसकर्मी हर महीने मोटी रकम वसूल कर सभी प्रकार के अवैध धंधे संचालित करवा रहे हैं।
इसी कड़ी में आज हम आपको जिले के पॉश इलाके में स्थित एक थाने और वहां के वसूली नेटवर्क के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां के बडे से चौराहे के पास सुलभ शौचालय के बगल में मुन्ना, बंगाली और संतोष सट्टा नेटवर्क चलवाते हैं। इलाके के एक हाईटेक अस्पताल के सामने वाली गली में जितेन्द्र नामक युवक स्मैक और गांजा बेचता है। क्षेत्र के प्रसिद्ध देवी मंदिर के समीप की गल्ला दुकान पर बैठने वाले मुल्ला जी सरकारी राशन ब्लैक में बेचते हैं। यहीं समीप में ही कबाड़ी की दुकान पर चोरी का माल खरीदा बेचा जाता है। स्थानीय सब्जी मण्डी से अवैध वसूली करवाने वाले गुप्ता जी पुलिस चौकी में 22 हजार प्रति माह नजराना भेंट करते हैं। खुशकिस्मती से इसी थाना क्षेत्र में एक प्रमुख सरकारी कार्यालय भी है जहां दलालों का बोलबाला है, यहां से प्रभात नाम का आदमी प्रतिमाह थाने को 20 हजार चढावा चढाता है और पुलिस वालों के सभी काम फ्री करवाता है। इलाके की सबसे पुरानी मिठाई की दुकान के बगल में हुक्का बार संचालित हो रहा है जहां नाबालिकों को चोरी छुपे नशा उपलब्ध कराया जाता है। और ये सब हो रहा है पुलिस वालों के संरक्षण में।
इसके अलावा भी यहां कई गलत धंधे चोरीछुपे संचालित हो रहे हैं जिनमें बाडी मसाज के नाम पर चल रहा वेश्यावृत्ति रैकेट प्रमुख है। यहां पिछली बार जब छापा पडा था तब 3 लाख 20 हजार रूपये में मामला सेट हुआ था।
उपरोक्त बातों से इतना तो पता चलता है कि पुलिसवाला अगर चाह ले तो उसके इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, अपराध करना तो दूर की बात है। एैसा नहीं है कि सारे पुलिस वाले बेईमान हैं, ईमानदार भी हैं और उन्हीं के सहारे ये देश चल रहा है। पर अगर ईमानदारों का प्रतिशत थोड़ा बढ जाये तो ये देश दौडने लगेगा।