कानपुर - पत्रकार नवीन गुप्ता के हत्यारों का कोई सुराग नहीं
कानपुर 1 दिसम्बर 2017 (विशाल तिवारी). पत्रकारों पर हमलों की लिस्ट में एक और मामला कानपुर का जुड़ गया है. यहां दिनदहाड़े एक पत्रकार की बीच बाजार 5 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई.
घटना कानपुर के बिल्हौर कस्बे की है. यहां की नगर पालिका
बाजार के पास 30 नवंबर की दोपहर हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार नवीन गुप्ता पर तीन बदमाशों ने अंधाधुंध
फायर किए। एक गोली सिर के आर-पार हो जाने से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
बताते चलें कि इन दिनों उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी और दबंगई का वो दौर चल रहा है, जिसके आगे उत्तर प्रदेश पुलिस भी नतमस्तक नजर आ रही है। इसका सीधा सा उदाहरण कानपुर में हिंदुस्तान के पत्रकार नवीन कुमार की हत्या से लिया जा सकता है। दिनदहाड़े पत्रकार की 5 गोलियां मारकर हत्या कर के हत्यारे आराम से भागने में कामयाब हो गए, क्योंकि अब हत्यारों को पुलिस का भी डर नहीं रहा।
नवीन हिंदुस्तान अखबार के लिए बिल्हौर में
बतौर तहसील संवाददाता काम करते थे। उनके साथी पत्रकारों ने बताया कि नवीन
की खबरें लोगों के सरोकार से ही जुड़ी होती हैं। बिल्हौर के पास से गुजर
रही गंगा बेल्ट पर अवैध खनन के खिलाफ भी उन्होंने कई न्यूज रिपोर्ट लिखी
थीं। खनन माफिया के खिलाफ उनका ये अभियान लगातार जारी था। नवीन गुप्ता की हत्या
में किसका हाथ है, इस पर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। मगर ये साफ है कि
खनन माफिया से उनका छत्तीस का आंकड़ा था। बिल्हौर के ही एक गांव में कुछ
दिन पहले एक पुलिया धंस गई थी, नवीन गुप्ता ने उसमें भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों
के भ्रष्टाचार को उजागर किया था।
बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर दिनदहाड़े 5 गोलियां मारकर हत्यारे भागने में कैसे कामयाब हुए। वैसे तो हर चौक-चौराहे पर पुलिस कहीं ना कहीं वसूली करती नजर आ जाती है, यहां दिनदहाड़े एक पत्रकार की हत्या कर दी गई और पुलिस केवल खाक छानती रह गई। उत्तर प्रदेश में दिन प्रतिदिन पत्रकारों कि हत्या होना अब आम बात हो गई है। या यूं कहें कि अब यूपी में हत्या होना भी आम बात है। उत्तर प्रदेश के दबंग बंदूक की नोक पर पत्रकारों की कलम की धार को खत्म करना चाह रहे हैं और प्रदेश सरकार तमाशबीन बनी हुई है। आखिर क्यों पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं किया जाता ?
घटना से व्यथित आल इण्डियन रिपोर्टर एसोसिएशन (आईरा) के पत्रकारों ने आज एक बैठक कर मृतक पत्रकार को श्रद्धांजली दी। बैठक में आईरा के प्रदेश महासचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरह से पिछली सरकार में पत्रकारों की कलम को दबाने के लिए उनकी हत्याएं की जाती थी। दबंगों ने वहीं रवैया यूपी की बीजेपी सरकार में भी अपना लिया है। लेकिन अब कलम के सिपाही और जुल्म बर्दाश्त नहीं करेंगे। दबंग चाहे लाख कोशिशें क्यों ना कर लें लेकिन पत्रकार की कलम अब ना ही रुकेगी, और ना ही दबेगी।