भर्ती में छग सरकार की शर्मनाक शर्त, महिलाओं को देना होगा सीने का माप
रायपुर 26 दिसम्बर 2017 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ में नौकरी के लिये महिलाओं को भी सीने का माप देना होगा, इतना ही नहीं महिलाओं को पांच सेंटीमीटर सीना फुलाना भी होगा। वन एस.डी.ओ. और रेंजर के पदों पर भर्ती के लिये राज्य सरकार ने यह शर्त रखी है। भर्ती के निकाले विज्ञापन में महिलाओं के सीने के माप की न्यूनतम एवं अधिकतम विस्तार की सीमा मांगी गई है। रमन सरकार के इस शर्त को लेकर महिला संगठनों सहित पूरा प्रदेश एवं देश भी हैरान है। वहीं विपक्ष ने महिलाओं के प्रति भाजपा संगठन की विचारधारा पर ही सवाल उठा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री पर तमाम तरह के विवादित पोस्ट एवं कमेंट्स किए जा रहे हैं, सभी तरफ सरकार की थू थू हो रही है।
भर्ती के लिए जारी विज्ञापन -
छत्तीसगढ़ में वन एस.डी.ओ. और रेंजर के 49 पदों पर भर्ती होनी है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी किया है। जिनमें से 15 पद महिला वर्ग के लिये आरक्षित है। सरकारी विज्ञापन के अनुसार, महिला के सीने का माप 74 सेंटीमीटर होना जरूरी है। इसके अलावा सीना फुलाकर यह माप 79 सेंटीमीटर होना चाहिये। इसके साथ 4 घंटे में 16 किमी पैदल चाल भी शामिल है। यह ऐड 21 दिसंबर 2017 को वेबसाइट पर जारी किया गया था।
मप्र से सीख नहीं ले पाई छग सरकार -
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में भी इसी तरह से महिला विरोधी विज्ञापन सप्ताह भर पहले पी.एस.सी. ने जारी किया था, जिसे लेकर भारी विवाद हुआ था और शिवराज सरकार की खूब किरकिरी भी हुई। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इस विवाद से कोई सीख या सबक नहीं ली। विदित हो कि विज्ञापन मामले में मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने आपत्ति दर्ज करवाई थी।
जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ लिए -
छग में हद ये है कि परीक्षा भर्ती के विज्ञापन के लिये जिम्मेवार अधिकारी इससे पल्ला झाड़ रहे हैं और राज्य सरकार भी कुछ नहीं बोल रही है। इस मामले पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने, सरकार द्वारा निर्धारित भर्ती नियम व शर्त के मुताबिक विज्ञापन, बताकर अपना पल्ला झाड़ लिए तो वहीं दूसरी ओर भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाले छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानी सीजीपीएससी के अध्यक्ष ने कहा है कि विज्ञापन जारी करना एवं परीक्षा आयोजित कराना आयोग का कार्य है। नियम एवं दिशा निर्देश व शर्त के निर्धारण का अधिकार संबंधित विभाग को है। राज्य सरकार के मंत्री ने मामले की जानकारी नहीं होने का कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
महिला संगठनों ने दर्ज कराई आपत्ति -
इस विवादास्पद शर्त के मामले में महिला संगठनों ने कहा है कि एक तरफ तो रमन सरकार महिला सशक्तिकरण की बड़ी बड़ी बातें करता है, दूसरी ओर इस तरह से आपत्तिजनक विज्ञापन जारी कर के महिलाओं को अपमानित और लज्जित करने का काम कर रहा है। महिला संगठनों ने कहा है कि महिलाओं से सीने की माप एवं सीने के न्यूनतम और अधिकतम विस्तार की मांग बेहद आपत्तिजनक एवं शर्मनाक है, इस तरह की मांग भारतीय सेना, वायुसेना, जलसेना, जेल, गार्ड एवं पुलिस में भी नहीं की जाती है। महिला संगठनों सहित कई महिला व पुरूष सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, संबंधित विभागीय मंत्री एवं जिलाधीश को लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए शिकायत की है और इस शर्त को हटाने की मांग भी की गई है।
विपक्ष ने भी आड़े हाथों लिया -
विपक्षी दलों ने भी इस शर्त को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि रमन सरकार ऐसे निंदनीय एवं शर्मनाक कृत्य करती ही रहती है, एक बार फिर उक्त शर्त को जारी करके महिलाओं को हीन व लज्जित कर रही। रमन सरकार निरंकुश एवं बेलगाम हो चुकी है और अब महिलाओं के आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाने से बाज नहीं आ रही। यह घोर निंदनीय और अत्यंत शर्मसार करने वाला कृत्य है, इससे ये भी समझ आता है कि भाजपा संगठन महिलाओं के प्रति कैसी सोच रखता है।
* पहले से चला आ रहा यह भर्ती नियम है और इसमें कुछ भी नया नहीं किया है। शर्त तय करना पीएसी के तहत है। - आर.के. सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, छग शासन
* यह हमारा काम नहीं है कि नियम बनाये या शर्त तय करें। भर्ती से संबंधित योग्यता को तय करने का काम संबंधित विभाग का है। - के.आर. पिस्दा, अध्यक्ष, छग लोक सेवा आयोग