पत्रकारों पर हो रहे निरंतर हमलों के विरोध में आईरा ने दिया धरना
लखनऊ 24 जनवरी 2018. बीते दिनों लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत
सिन्हा पर हुए हमले को लेकर पत्रकारों के संगठन आईरा ने विरोध जताते हुए लखनऊ स्थित गाँधी प्रतिमा पर धरना दिया। बताते चलें की राजधानी लखनऊ में पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर All Indian Reporters Association (आईरा Association) सदस्यों के द्वारा गांधी प्रतिमा पर विशाल धरना देकर सरकार को चेतावनी दी गई, साथ ही उत्तर प्रदेश के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संदर्भित ज्ञापन भी सौंपा गया ।
ज्ञात हो आज जिस तरह से लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ खतरे में है .पत्रकारों
की निर्मम हत्या कर दी जा रही आय दिन पत्रकारों से पुलिस ,सरकारी दफ्तरों
के अधिकारियो द्वारा अभद्रता करना जो की बेहद शर्मनाक है, आखिर इतना सब कुछ
होने के बावजूद सरकार मूकदर्शक क्यों बनी है। धरना स्थल पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए आईरा उत्तर प्रदेश के महासचिव श्री नीरज कुमार उपाध्याय ने कहा कि
हर विषम स्थिति में चाहे वो जाड़ा, गर्मी या बरसात हो, शहरों में जाम की स्थिती
से जूझता हुआ तथा गांव से शहर तक पत्रकार ही समाज के हर वर्ग तक केंन्द्र
सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार खबर के माध्यम से करता
है। परन्तु वर्षों से एक ही संस्थान में कार्य करते रहने के बावजूद, आज ग्राम,
तहसील, वार्ड स्तर के संवाददाताओं के साथ ही वर्षों से सक्रीय स्तरीय
पत्रकार भी अपनी पहचान को तरस रहे हैं।
धरना स्थल पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए, आईरा के लखनऊ मंडल अध्यक्ष श्री मोहम्मद ज़ाहिद अख्तर ने सरकार से
महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश में तत्काल पत्रकार सुरक्षा पर तत्काल प्रभाव
से कानून लागू करने की मांग करते हुए, कहा कि अनेक विषम परिस्थितियों में समाचारों का संकलन करने वाला पत्रकार ही यदि सुरक्षित नहीं है, तो लोकतंत्र कैसे सुरक्षित रह सकता है।
धरना स्थल पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आईरा के प्रदेश उपाध्यक्ष
श्री रोहिताश मिश्रा ने गरीब ग्रास रूट पत्रकार तथा ग्राम, तहसील, वार्ड स्तर
के पत्रकारों के उत्थान के लिये सरकार से तत्काल नीति बनाने की मांग की। श्री रोहिताश मिश्रा ने कहा की प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न
सरकारी योजनाओं में सीधे गरीब गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिये कोटा
लागू किया जाये, जिससे वर्षो से स्तरीय पत्रकारिता करने वाला गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार
भी समाज में सम्मान के साथ जी सके। कार्यक्रम के समापन में उपस्थित सभी
पत्रकारों का आभार जताते हुए.
आईरा उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री ए.एस.खान ने कहा की सरकार को
पत्रकार के बीच बड़े और छोटे की खाई को तत्काल पाटना होगा, अन्यथा लोकतंत्र
का चौथा स्तंभ जिसमें दीमक लग चुकी है भरभरा कर ढह जायेगा । श्री खान ने व्यंग करते हुये कहा की क्या विडंबना है कि जिनको हेडिंग, इन्ट्रो, बाॅडी तथा अपर, बाटम तक का ज्ञान नहीं वे मान्यता लिये घूम रहे हैं। वहीं वर्षों से स्तरीय तथा सक्रीय पत्रकारिता करने वाला पत्रकार आज आस्तित्व विहीन हैं।
धरने में मुख्य रूप से आईरा से लखनऊ से जुडे पत्रकारों के साथ गोरखपुर
से आये स्टेट्मेंट टूडे के ब्यूरो चीफ़ बासिद ख़ान अशफ़ाक़, रितेश
श्रीवास्तव, रोहीताश मिश्रा, मोहम्मद ज़ाहिद अख्तर, नीरज कुमार उपाध्याय, जमाल
मिर्ज़ा, तारिक सलीम, अफ़ज़ल अली शाह, मुजीबुर्रहमान, विजय मिश्रा, आसिफ़
उल्लाह ख़ान, शैलेन्द्र पंडित, शाहनवाज ख़ान, मोहम्मद रईस, सै० तारिक
हुसैन, अवनीश कुमार सागर, मथुरा प्रसाद वर्मा, वहाब उद्दीन सिद्दीकी, पं रवी
कांत दीक्षित, संजीव श्रीवास्तव, अलंकार बरनवाल, दानिश ख़ान, नवीन
कुमार, फ़ाज़िल ख़ान, इक़रार अंसारी, सै इकबाल हुसैन रिज़वी, महावीर
विश्वकर्मा, ज़ुल्फ़िकार मिर्ज़ा, राजेश कुमार वर्मा, फ़ुर्कान बेग, दीपक
अवस्थी, सै नूरुल हसन, मोहम्मद जावेद, कमाल ख़ान, अनूप सिंह, ए.एस ख़ान आदि
पत्रकारों ने भाग लिया ।