फौज ने दिखाये दिन में तारे, कहां जायें सिविलियन बेचारे
कानपुर 08 जनवरी 2018 (विशाल तिवारी). फौज का काम देश के नागरिकों की रक्षा करना एवं दुश्मनों से जंग करना होता है पर कानपुर कैंट इलाके में इन दिनों सिविलियन लोगों पर फौजी कहर बरपाते नजर आ रहे हैं। जरा सी बात पर लोगों को जानवरों की तरह पीटना, गाड़ी पंचर कर देना, मारपीट करना, कपडे उतरवा लेना, थूक कर
चटवाना और परिवार के सामने बुरी तरह बेइज्जती करना यहां रोज की बात है।
ताजा मामला 30 दिसम्बर 2017 का है जब जरा सी गलती पर एक पत्रकार को कुछ फौजियों ने बुरी तरह से पीट दिया। जानकारी के अनुसार एक निजी इलेक्ट्रॉनिक चैनल के सीनियर कैमरा मैन सिद्धार्थ राहुल अपने ऑफिस से आखिरी बुलेटिन कवर करने के बाद अपनी कार नंबर UP78-CZ2888 से अपने घर जाजमऊ वापस जा रहे थे। कानपुर कैंट स्थित ट्राइडेंट आर्मी कैम्प के सामने उनकी कार ब्रेकर पर रांग साइड में खराब हो गयी। तभी सेना की वर्दी पहने हुए तीन से चार आर्मी जवानों ने पत्रकार को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए लकड़ी के डंडे से बुरी तरह से पीट दिया। जिससे पत्रकार काफी घायल हो गया।
जानकारी के अनुसार अपने साथ हुई इस घटना की शिकायत जब पत्रकार ने कैंट के कर्नल आर.पी राम से की तो उन्होंने घटना की जांच कराने की बात कह कर मामले को टरका दिया।
सूत्रों की माने तो कैन्ट इलाके में फौजियों की गुन्डई से इलाकाई जनता बहुत परेशान है। बीते दिनों हैल्मेट न लगाने पर एक अधेड़ पति पत्नी को फौजियों ने मुर्गा बना दिया था, हार्ट पेशेन्ट होने के कारण अधेड़ की तबियत बेहद खराब होने पर फौजी गालियां बकते हुये वहां से चले गये। जरा सी गलती पर गाड़ी पंचर कर देना, मारपीट करना, कपडे उतरवा लेना, थूक कर चटवाना और परिवार के सामने बुरी तरह बेइज्जती करना यहां रोज की बात है।
थाना पुलिस का भी इन पर कोई जोर नहीं चलता है। इतना ही नहीं फौज के अधिकारी भी जवानों से जुड़े मामलों में फौज का ही पक्ष लेते हैं। मामला सेना से जुड़ा होने के कारण जनता कानूनी कार्यवाही करने से कतराती है, जिससे इनके हौसले बुलन्द हैं। पर इन जवानों की गैर जिम्मेदाराना हरकतों के कारण जनता में सेना की छवि खराब हो रही है। सेना के उच्च अधिकारियों को इस मामले में सख्त कार्यवाही करनी चाहिये जिससे सेना की छवि धूमिल न हो।
थाना पुलिस का भी इन पर कोई जोर नहीं चलता है। इतना ही नहीं फौज के अधिकारी भी जवानों से जुड़े मामलों में फौज का ही पक्ष लेते हैं। मामला सेना से जुड़ा होने के कारण जनता कानूनी कार्यवाही करने से कतराती है, जिससे इनके हौसले बुलन्द हैं। पर इन जवानों की गैर जिम्मेदाराना हरकतों के कारण जनता में सेना की छवि खराब हो रही है। सेना के उच्च अधिकारियों को इस मामले में सख्त कार्यवाही करनी चाहिये जिससे सेना की छवि धूमिल न हो।