ससुराल पक्ष से जान बचाने हेतु दर-दर भटक रही है महिला पत्रकार
लखनऊ 07 मार्च 2018. बिजनौर जिले की एक महिला पत्रकार को ससुराल पक्ष से पिछले 8 वर्षों से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है उसके ऊपर कातिलाना हमला भी किया गया जिसमें उसकी गर्दन कटने से बची अपराधी पकड़े गए लेकिन हल्की धाराओं में मुकदमा होने के कारण कुछ ही दिनों में उनकी जमानत हो गई और अब अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और महिला पत्रकार को जान से मारने की न केवल धमकी निरंतर देते चले आ रहे हैं बल्कि घर में घुसकर महिला पत्रकार और उसके परिवार से मार पीट कर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं ।
पीड़ित महिला पत्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाने के लिए लखनऊ में 15 दिनों से चक्कर काट रही है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अंततः उसने परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से संपर्क करके अपनी बातों को रखा, जिस पर उन्होंने तुरंत कार्यवाही करने के लिए बिजनौर पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं, अब देखना यह है कि इस संबंध में कितनी सख्त कार्रवाई होती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजनौर जिले के ग्राम कीरतपुर की रहने वाली जैमिन चौधरी नामक महिला पत्रकार का आठ वर्ष पूर्व उसी कस्बे के तौफीक पुत्र शफीक मोहल्ला कसाबान निवासी युवक से विवाह हुआ था। जैमिन चौधरी एक हिंदी दैनिक में पत्रकारिता करती हैं।
शादी के बाद से ही तौफीक उसे भाई रफीक, लईक, रईस, रहीम बहनें नजराना, इसराना, शब्बो, शाजिया, तथा माँ लतीफन ने पाँच लाख रूपये की मांग कर जैमिन का शोषण शुरू कर दिया, तथा घर से निकाल दिया ।
उस पर भी जब दिल न भरा तो उक्त महिला जैमिन चौधरी के घर पर हमला कर ससुराल पक्ष के लोगों ने जैमिन को जान से मारने की नीयत से उसकी गर्दन पर धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया ।
उक्त प्रकरण में तौफीक को पांच साल की सजा तथा जुर्माने की सजा भी हुई किंतु लचर पैरवी के कारण तौफीक तीन माह में ही जमानत पर छूट गया।
जैमिन ने हर्जे खर्चे का केस दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट मे दाखिल कर दिया।
तौफीक ने जैमिन चौधरी पर जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली में फिर हमला कर घायल किया। जहाँ से डायल 100 की गाडी ने जैमिन चौधरी को अस्पताल पहुंचाया उक्त मामले का केस भी धारा 324 के तहत दिल्ली में चल रहा है।
उसके बाद से लगातार केस वापस लेने को लेकर तौफीक उसके भाई तथा बहनें तथा माँ जैमिन चौधरी की जान के पीछे हाथ धोकर पडे हैं ।
सनद रहे की तौफीक का पूरा परिवार अापराधिक पृष्ठभूमि का है तथा सभी के उपर कई जिलों से अापराधिक मामले दर्ज हैं।
विदित हो कि तौफीक एवं उसके परिवार वाले गाडी चोरी तथा सुलफा (चरस) का अवैध कार्य करते हैं जिसमें तौफीक का भाई रफीक तीन साल जम्मू जेल 2010 में काट चुका है तथा तौफीक वर्तमान समय में गाडी चोरी के मामले में नैनीताल जेल में बंद है ।
अपराधिक पृष्ठभूमि के कारण तौफीक का परिवार काफी संपन्न तथा दबंग है जिसके पुलिस सहित क्षेत्रीय नेताओं से भी संबंध है । जिसके कारण पुलिस सदा से इनको सरंक्षण देती रही है।
कुछ समय पहले ही तौफीक के दोनों भाईयों रफीक तथा लईक एवं बहन नजराना ने जैमिन चौधरी एवं उसके परिवार को बुरी तरीके से मारा पीटा तथा पन्द्रह दिन में सभी केस वापस नहीं लेने पर जैमिन चौधरी के चेहरे पर तेज़ाब डालने तथा परिवार वालों को जान से मारने की धमकी भी दी ।
जैमिन चौधरी ने थाना कीरतपुर में लिखित शिकायत की किंतु पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।
एक स्थानीय भाजपा नेता यंजय चौहान जैमिन के ससुराल वालों की पैरवी में खडा हो जाता है जिसके दबाव में पुलिस निष्ठुर हो जाती है।
पीडित महिला पत्रकार पन्द्रह दिनों से अपने ससुराल वालों से जान की सुरक्षा हेतु लखनऊ में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ से गुहार लगाने हेतु भटक रही है।
किंतु सिवाये ठोकरों के उसे कुछ नही मिला।
इस दौरान परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने जैमिन चौधरी के मामले में एस.पी बिजनौर को फोन कर कार्यवाही हेतु निर्देश दिये, किंतु बिजनौर पुलिस अब भी मूकदर्शक बनी है तथा जैमिन चौधरी के ससुराल पक्ष वाले विशेष कर जेठ रफीक, देवर लईक तथा ननद नजराना, इसराना, सास लतीफन जैमिन के घरवालों को लगातार धमकी अब भी दे रहे हैं तथा जैमिन को मारने की नीयत से उसे ढूंढ रहे हैं।
दूसरी तरफ महिला पत्रकार जैमिन चौधरी अपनी ससुराल वालों से जान बचाने की गुहार लगाती राजधानी लखनऊ में दर दर भटक रही है ।
वाह री मोदी सरकार,
वाह री योगी सरकार,
वाह रे महिला सुरक्षा के दावे,
वाह रे निकम्मा जिला बिजनौर प्रशासन