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'चोरों का सरदार' भानु प्रताप बेचता था रईस बनारसी को चोरी की गाड़ियां

कानपुर 05 मार्च 2018 (विशाल तिवारी). नौबस्‍ता स्‍िथत यूनियन बैंक आफ इण्डिया की ब्रांच से 32 लॉकर काटकर करोड़ों का सोना-चांदी उड़ाने वाले शातिर गिरोह के सरगना भानु प्रताप का अपराध की दुनिया से न सिर्फ गहरा नाता निकला है बल्कि उसकी जड़ें भी काफी गहरी हैं। नौबस्ता इंस्पेक्टर एस.के सिंह के मुताबिक कई बड़े गिरोहों से भानु प्रताप के ताल्लुक हैं। 


जानकारी के अनुसार भानु प्रताप ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि चोरी की लग्जरी गाड़ियां वह 50 हजार के ईनामी और यूपी के मोस्‍ट वान्‍टेड अपराधियों में एक रईस बनारसी और उसके गुर्गों को बेचता था। भानु की निशानदेही पर नौबस्ता पुलिस ने कई नंबर प्लेट बरामद किए हैं। भानु प्रताप ने रईस बनारसी समेत कई बदमाशों से अपने तार जुड़े होने की बात भी पुलिस को बताई। अफसरों के निर्देश पर सब इंस्पेक्टर विवेक सिंह ने 50 हजार के इनामी शार्प शूटर रईस बनारसी और उसके गिरोह के सदस्यों शरीफ ढपाली, रईस ढपाली, शादाब, शब्‍लू  निवासी चमनगंज, तैयब उर्फ जज्बाती, मनोज चतुर्वेदी उर्फ पप्पू, तौकीद कबाड़ी एवं तौहीद कबाड़ी समेत गिरोह के 16 बदमाशों के खिलाफ IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है।

भानु प्रताप के मुताबिक वह लग्जरी गाड़ियों की चोरी करता है। चोरी की गाड़ियों को वह रईस बनारसी को बिक्री करता था। बाद में ये गाड़ियां रईस बनारसी नेपाल तक पहुंचाकर मोटे दाम पर बेचता था। उल्लेखनीय है कि भानु प्रताप की दोस्ती शहर के कई बड़े गिरोहों और कुछ सफेदपोश लोगों से भी है। सूत्रों की माने तो अभी शहर के कई बड़े बदमाशों के साथ कई सफेदपोश भी बेनकाब हो सकते हैं। गौरतलब है कि चोरों के साथ पुलिस ने उनके खास हमदर्द और शहर के सफेदपोश डा. संजीव आर्या को गिरफ्तार किया था। संजीव आर्या कल्याणपुर स्थित संजीवनी नर्सिंगहोम का संचालक है। उसने वारदात के बाद गिरोह के सदस्यों को मोटे माल के एवज में मरीज बनाकर नर्सिंगहोम में भर्ती किया था। 

पुलिस विभाग के अन्‍दरूनी सूत्र तो ये भी बताते हैं कि पुलिस विभाग का ही एक बड़ा अधिकारी इन दिनों रईस बनारसी के गैंग को संरक्षण प्रदान कर रहा है। बताते चलें कि रईस बनारसी एक खुंखार अपराधी है, उसके बारे में कहा जाता है कि उसका निशाना कभी नहीं चूकता। पैसे के लिए वह किसी का खून बहाने के लिए हमेशा तैयार रहता है। शहर पुलिस ने कई बार रईस की घेराबंदी की लेकिन बहुरूपिया रईस हर बार भागने में कामयाब रहा। बनारसी लंबे समय से उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स के रडार पर है। उसकी अपराधिक गतिविधियों को देखते हुए उस पर रखे गए 50 हजार के ईनाम को बढ़ाने की भी कवायद जारी है।