खबर का असर - सभी ग्राम प्रधानों को पानी की व्यवस्था कराने के लिए मिले निर्देश
शाहजहांपुर 11 मई 2018 (अमित वाजपेयी/अम्बुज शुक्ला). सहायक विकास अधिकारी जलालाबाद ने सभी ग्राम प्रधान व सचिव को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि पेयजल संकट पशु पक्षी व ग्रामवासियों को न हो जिसके अन्तर्गत ग्राम पंचायतों, राजस्व ग्रामों, मजरों में स्थापित हैण्डपम्पों की जांच कर खराब, रिबोर हैण्डपम्पों को तत्काल ठीक कराना सुनिश्चित करें तथा ग्रामों में पशुपक्षी आदि के पीने हेतु खुदे तालाबों में ट्यूबवैल, जैटपम्प आदि संशाधनों से पानी भरना सुनिश्चित करे।
आपको बताते चले कि पानी के बिना जन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इंसान हो या जानवर अथवा वनस्पति इनका जीवन पानी पर ही निर्भर है। भूख को एक-दो दिन के लिए बगैर खाए शांत किया जा सकता है। लेकिन पानी के बिना जिंदा रहना मुश्किल है। भीषण गर्मी में पशुपक्षी जानवर सभी पानी के लिए परेशान हैं। वहीं ठिंगरी से इस्लामगंज तक जंगली गायों के द्वारा बर्बाद की जा रही फसलों को देख कर भले ही क्षेत्रीय जनता परेशान हो, लेकिन उनको प्यासी मरती हुई धर्मभीरू जनता नहीं देख सकती।
आपको बता दे कि क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पिछली पंचवर्षीय योजना में सरकारी धन से तमाम तालाब खोदे गए थे धन का काफी दुरुपयोग भी हुआ था। कई तालाब अधूरे पड़े हैं कागजों में भले ही सभी तालाब पूर्ण करा कर उसमें पानी भरा हुआ प्रदर्शित कर दिया गया हो लेकिन असल में किसी भी तालाब में पानी नहीं हैं। पूर्व में खोदे गए तालाबों के साथ-साथ कुएं गड्ढों का अस्तित्व पानी के बिना समाप्त हो रहा है। इसी समस्या के चलते गांव ठिंगरी से इस्लामगंज तक बसेरा करने वाली गाय पानी के बिना धीरे-धीरे मर रही थीं, यह स्थिति ग्रामीणों के लिए असहज थी। इसी से दुखी होकर क्षेत्रीय लोगों ने मर रही प्यासी गायों को बचाने की आवाज बुलंद की और खुलासा TV ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया, शासन तथा प्रशासन को भी अवगत कराया, सबने इस मर्मस्पर्शी समस्या को समझा और सुनकर द्रवित हुए बिना नहीं रह सका। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए थे। जिसकी जांच एसडीएम जलालाबाद डा. वैभव शर्मा, सहायक विकास अधिकारी जलालाबाद तथा लेखपालों द्वारा की गई।
आपको बताते चले कि पानी के बिना जन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इंसान हो या जानवर अथवा वनस्पति इनका जीवन पानी पर ही निर्भर है। भूख को एक-दो दिन के लिए बगैर खाए शांत किया जा सकता है। लेकिन पानी के बिना जिंदा रहना मुश्किल है। भीषण गर्मी में पशुपक्षी जानवर सभी पानी के लिए परेशान हैं। वहीं ठिंगरी से इस्लामगंज तक जंगली गायों के द्वारा बर्बाद की जा रही फसलों को देख कर भले ही क्षेत्रीय जनता परेशान हो, लेकिन उनको प्यासी मरती हुई धर्मभीरू जनता नहीं देख सकती।
आपको बता दे कि क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पिछली पंचवर्षीय योजना में सरकारी धन से तमाम तालाब खोदे गए थे धन का काफी दुरुपयोग भी हुआ था। कई तालाब अधूरे पड़े हैं कागजों में भले ही सभी तालाब पूर्ण करा कर उसमें पानी भरा हुआ प्रदर्शित कर दिया गया हो लेकिन असल में किसी भी तालाब में पानी नहीं हैं। पूर्व में खोदे गए तालाबों के साथ-साथ कुएं गड्ढों का अस्तित्व पानी के बिना समाप्त हो रहा है। इसी समस्या के चलते गांव ठिंगरी से इस्लामगंज तक बसेरा करने वाली गाय पानी के बिना धीरे-धीरे मर रही थीं, यह स्थिति ग्रामीणों के लिए असहज थी। इसी से दुखी होकर क्षेत्रीय लोगों ने मर रही प्यासी गायों को बचाने की आवाज बुलंद की और खुलासा TV ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया, शासन तथा प्रशासन को भी अवगत कराया, सबने इस मर्मस्पर्शी समस्या को समझा और सुनकर द्रवित हुए बिना नहीं रह सका। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए थे। जिसकी जांच एसडीएम जलालाबाद डा. वैभव शर्मा, सहायक विकास अधिकारी जलालाबाद तथा लेखपालों द्वारा की गई।
लेखपालों की जांच मे खुली कई तालाबों की पोल -
क्षेत्र के तालाबों की जांच करते हुए लेखपालों ने बताया कि धर्मपुर पिडरिया के तालाबों में पानी नहीं है, ठिंगरी के दो तालाबों में पानी है, चौरासी के तालाबों मे पानी नहीं है, दहेना के तालाबों में पानी नहीं है, रतनापुर के तालाबों में पानी नहीं है, रामपुर में अभी तक तालाब ही नहीं है, कोयला के दो तालाबों में पानी है, केवल रामपुर चिलौआ के 3 तालाबों में पानी है। लालपुर इमलिया में एक ही तालाब में पानी है, रामनगर में एक तालाब में पानी है, ततियारी तालाब में पानी नहीं है, विचौला तालाब में पानी नहीं है, इस्लामगंज में एक तालाब में पानी है जबकि समापुर गांव में तालाब ही नहीं है। कई ग्राम पंचायतों की जाँच में यही पता चला है कि अधिकतर तालाबों में पानी ही नहीं है।
(अमित वाजपेयी की रिपोर्ट) |