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गंगा बैराज पर 3 युवकों ने किया नाबालिग युवती के साथ सामूहिक बलात्‍कार

कानपुर 26 जून 2018 (सूरज वर्मा). कानपुर में आज एक नाबालिग युवती  के साथ सामूहिक बलात्‍कार का मामला सामने आया है, जिसमें 3 लड़कों ने एक युवती के साथ बारी बारी से बलात्‍कार किया और उसके बाद उसे निर्वस्त्र अवस्था में झाड़ियोंं में फेंक कर भाग निकले। पुलिस ने गैंगरेप की एफआईआर लिखकर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


जानकारी के अनुसार कानपुर के नवाबगंज इलाके में रहने वाली 15 वर्षीय निशा (बदला हुआ नाम) आर्केस्टा पार्टी में भजन गाने का काम करती है। निशा के पिता एक रेस्‍टोरेन्‍ट में प्राइवेट काम करते हैं। इलाकाई लोगों की माने तो निशा की सिद्धार्थ नाम के लड़के से दोस्ती थी। रविवार को सिद्धार्थ ने निशा को चाउमीन खिलाने के बहाने गंगा बैराज बुलाया, वहां सिद्धार्थ के साथ उसके दो दोस्त भी थे। सिद्धार्थ ने दोस्तोंं के साथ मिलकर निशा के साथ झाड़ी में जबरन गैंगरेप कर डाला। इसके बाद वो लोग निशा को बेहोश अवस्था में छोड़कर भाग गए।

सूत्रों के अनुसार रात 11 बजे जब निशा के पिता थाने अपनी बेटी की गुमशुदी लिखाने पहुंचे तो पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि जाओ बेटी सुबह तक आ जायेगी, कुछ गलत नहीं होगा। अब बदमाश नहीं रहे सब भाग गए है, हमने उन सबको मार दिया है। 

निशा के पिता ने पत्रकारों को बताया कि कि उनकी पुत्री निशा गंगा बैराज की झाड़ियों में पड़ी थी, उसको गश्त के दौरान सिपाहियों ने बरामद किया था। घरवालों को सूचना देने के बाद रात में ही पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराय था, गैंगरेप की एफआईआर लिखकर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

वहीं दूसरी तरफ क्षेत्राधिकारी अभय नारायण ने पत्रकारों को बताया कि लड़की की आरोपियों से पहले से दोस्ती थी। वह लड़कों से पहले भी मिलने आती थी। आजकल के फैशन के चलते अच्छा खाने-पीने के चक्कर में, फ़ास्ट फ़ूड के चक्कर में पीडिता एक दो बार आरोपी के साथ पहले भी गई थी। मेडिकल में तो लड़की सम्‍भोग की अभ्‍यस्‍त निकली है और लड़की के आरोपी लड़के के साथ पहले से सम्बन्ध हैं। आज आरोपी ने लड़की को खिलाने पिलाने के नाम पर बुलाया था, इस बार लड़की ज्यादा आहत हो गयी तो उसने एफआईआर करा दी। 


विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ये सख्त निर्देश दे चुका है की पुलिस रेप पीड़िता के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करे लेकिन जिस तरह डिप्टी एसपी ने इस पीड़ित नाबालिग लड़की को खाने-पीने का शौक़ीन बताकर उसे सम्‍भोग की अभ्‍यस्‍त बताया, उससे साबित होता है पुलिस गैंगरेप की घटनाओंं को कितनी 'खास नरमी' से डील करती है।