शौचालय के अभाव में खुले में शौच करने को मजबूर हैं ग्रामीण
हरदोई 24 सितम्बर 2018 (विनय बाजपेयी). हरदोई को ओडीएफ करने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन एड़ी-चोटी एक कर रहा है। जिसके तहत हरदोई में युद्धस्तर पर शौचालय निर्माण का काम भी चल रहा है परंतु अधिकांश शौचालय बेकार साबित हो रहे हैं। गुणवत्ता की कमी के कारण कई जगहों में बनने के साथ ही शौचालय टूटने लगे हैं तो कहीं लोग शौचालय का इस्तेमाल पुआल और लकड़ी रखने के लिए कर रहे हैं। वहीं अब तक हरदोई के कई गांवों में शौचालय निर्माण के लिए नींव तक नहीं रखी गई है। हरदोई में ऐसे भी पंचायत हैं जिसे ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया है परंतु उस गांव के कई लोगों के घर पर आज भी शौचालय उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हरदोई को ओडीएफ बनाना सपने जैसा लगने लगा है।
संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत हरदोई के विभिन्न पंचायतों में शौचालय का निर्माण कराया गया परंतु अधिकांश शौचालय का उपयोग लोग नहीं कर पा रहे हैं। शौचालय निर्माण कार्य में लगाए गए कंक्रीट मवेशियों को चारा खिलाने के काम में उपयोग में लाया जा रहा है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय संवेदकों के द्वारा घटिया किस्म के बनाए जाने से अधिकांश शौचालय व्यवहार के लायक नहीं हैं। 12 हजार रुपये की लागत से स्वीकृत शौचालय निर्माण कार्य में विभिन्न स्तर पर नजराना लिए जाने से मात्र नौ हजार रुपये से ही लाभुकों का शौचालय बनाया गया है। 12 हजार के बदले मात्र नौ हजार की लागत से बनाए गए अधिकांश शौचालयों का ढांचा तो खड़ा किया गया है। जिसकी जांच के दौरान गिनती के काम तो आ सकती है परंतु उपयोग में लाना संभव नहीं है। लोग इसका उपयोग पुआल, सुखी लकड़ी आदि रखने में कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार शौचालय निर्माण के लिए संपूर्ण राशि विभाग की ओर से उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण बहुत सारे गांवों में शौचालय निर्माण कार्य अधूरा रह गया है। जिसके चलते अभी भी ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
शौचालय के अभाव में महिलाओं को भी खुले में शौच जाना पड़ रहता है, वहीं जिले के कई पंचायतों में निर्माण में बिचौलिया से निर्माण कराने की बात सामने आई। लोकल बालू, कम सीमेंट और घटिया ईंट से हुई निर्माण के कुछ दिनों बाद ही ये धंसने लगा है। नवनिर्मित अधिकांश शौचालय दरवाजा विहीन है। लाभुकों की शिकायत है कि शौचालय निर्माण के समय कोई अधिकारी, कर्मी निरीक्षण तक करने नहीं पहुंचे।
ब्लाक भरखनी की ग्राम पंचायत भापुर सपाह में प्रधान नहीं बनवा रहे शौचालय -
भरखनी ब्लाक की ग्राम पंचायत भापुर सपाह में तथा उसके मजरा द्वारनगला, घनूनगला, पकड़न की मढिया आदि ग्रामों मे प्रधान द्वारा अभी तक कोई शौचालय नहीं बनवाया गया जिसके चलते ग्रामीण व महिलायें आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं। सोचनीय बात यह है कि जहाँ देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री ओडीएफ बनाने मे दिन रात एक कर रहे हैं। वहीं अपनी मानसिकता के चलते ग्राम प्रधान ने इन गांवों में एक भी शौचालय नहीं बनवाया है। आखिर इन गावों में शौचालय क्यों नहीं बनवाऐ गऐ इसकी वजह से ग्रामीणों में शासन के प्रति अच्छी भावना नहीं है, अधिकारीगण भी इन गावों में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
भरखनी ब्लाक की ग्राम पंचायत भापुर सपाह में तथा उसके मजरा द्वारनगला, घनूनगला, पकड़न की मढिया आदि ग्रामों मे प्रधान द्वारा अभी तक कोई शौचालय नहीं बनवाया गया जिसके चलते ग्रामीण व महिलायें आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं। सोचनीय बात यह है कि जहाँ देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री ओडीएफ बनाने मे दिन रात एक कर रहे हैं। वहीं अपनी मानसिकता के चलते ग्राम प्रधान ने इन गांवों में एक भी शौचालय नहीं बनवाया है। आखिर इन गावों में शौचालय क्यों नहीं बनवाऐ गऐ इसकी वजह से ग्रामीणों में शासन के प्रति अच्छी भावना नहीं है, अधिकारीगण भी इन गावों में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।