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सरकार को चूना लगाने में ग्राम प्रधान सबसे आगे

शाहजहांपुर 09 अक्टूबर 2018 (अमित बाजपेयी). सरकार की योजनायें जनता तक पहुंचे भी तो कैसे जब योजनाओं को क्रि‍यान्‍वित करवाने वाले ही उसमें अडंगा लगाने को तैयार बैठे हैं। ताजा मामला शाहजहांपुर का है जहां ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास अधिकारि‍यों द्वारा प्राथमिक विद्यालयों की बाउंड्रीवाल का निर्माण कराने में मानकों की धज्जियाँ उड़ा दी गई हैं।


आपको जानकर हैरानी होगी कि‍ यहां प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल में घोर धांधली करते हुए घटिया किस्म के मेटीरियल का प्रयोग किया जा रहा। यहां तीन नंबर ईंटा जो कि पीला ईंटा कहलाता है इस्‍तेमाल किया जा रहा है और कमजोर मसाले का उपयोग कर बाउंड्री वाल का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे बड़े हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां कमजोर ईंट व गुणवत्‍ताविहीन मसाले से बाउंड्री वाल की जुड़ाई की जा रही है। मानक के तहत सामग्री का उपयोग ना करने के कारण  ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी की मनमानी से दीवार कभी भी ध्वस्त हो सकती है, जिससे किसी भी समय दुर्घटना घट सकती है। 

बताते चलें कि यहां जब जिम्मेदार अधिकारी ही मौन हैं तो मानकों की किसे परवाह होगी। सूत्र बताते हैं कि निर्माण कार्य का मटेरियल खुद प्रधान मंगवाते हैं और अपने हिसाब से निर्माण कराते हैं। जब सरकार से पैसा लेने के लिए ग्राम प्रधान और विकास अधिकारी बाउंड्रीवाल का बिल बनाते हैं तो उसका खर्चा दो लाख पचास हजार रुपये दिखाते हैं। जिले में जितनी भी ग्राम पंचायते हैं सभी प्रधानों ने बाउंड्रीवाल का बिल दो लाख पचास हजार दिखाया है। जबकि सरकार ग्रामीण इलाकों में आवास बनवाने के लिए एक लाख बीस हजार रुपये देती है और नगर में दो लाख पचास हजार। जिससे साफ जाहिर होता है कि प्रधान सरकार को चूना लगाने में सबसे आगे हैं। 

इसी क्रम में पड़ोस के जिला हरदोई के ग्राम द्वारनगला में प्राथमिक विद्यालय की बाउड्रीवाल का निर्माण खर्चा तो दो लाख पचास हजार दिखाया गया लेकिन निर्माण कार्य प्रधान द्वारा जो करवाया जा रहा है उसमें बालू व तीन नम्बर ईंट से ही निर्माण हो रहा है। इस पूरे मामले में एक बात तो साफ हो जाती है के प्राथमिक विद्यालयों की बाउंड्री वाल के निर्माण कार्य में प्रधान एवं संबंधित अधिकारियों की सांठगांठ से ही लापरवाही व घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है और नौनिहालों की जान को खतरे में डाल कर अपनी जेब भरी जा रही हैं।