अब असम में नागरिकता का विवाद, 'बाहरी' बनाम लोकल का मुद्दा गरमाया
कोलकाता 22 अक्टूबर 2018. असम में बाहरी राज्यों से आए लोगों और वहां के स्थानीय निवासियों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। इससे जुड़े नागरिकता विधेयक 2016 के खिलाफ मंगलवार को प्रदेश के 44 संगठनों ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। नागरिकता कानून के अलावा उस समझौते के खिलाफ भी प्रदर्शन होगा जिसे बंगाली हिंदुओं ने आयोजित किया।
23 अक्टूबर को आयोजित इस बंद को प्रदेश के 44 स्थानीय संगठनों का समर्थन प्राप्त है। सभी संगठन कृषक संग्राम समिति (केएमएसएस) और असोम जातियताबादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) के बैनर तले मंगलवार को सड़कों पर उतरेंगे।
केएमएसएस नेता अखिल गोगोई ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब राज्यव्यापी बंद के समर्थन में इतने संगठन प्रदर्शन करने जा रहे हैं। गोगोई ने कहा कि यह बंद इसलिए बुलाया गया है क्योंकि बीजेपी समर्थित केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पारित किया है जिससे असम के स्थानीय लोगों के पहचान का खतरा पैदा हो गया है।
एक स्थानीय दैनिक के मुताबिक, केएमएसएस नेता गोगोई ने मांग उठाई है कि प्रदेश सरकार को 17 नवंबर को आयोजित बंगाली हिंदुओं की नागरिकता कानून के समर्थन में रैली की इजाजत नहीं देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने असम में 24 मार्च 1971 से पहले बसे बंगाली हिंदुओं से समर्थन मांग कर मंगलवार के बंद में शामिल होने की अपील की।