ओसीएफ श्री रामलीला मंचन में रावण वध व पुतला दहन
शाहजहांपुर 22 अक्टूबर 2018. ओसीएफ श्री राम लीला मंचन का आज 11वां दिन है कल के मंचन में रावण के भाई कुंभकर्ण व पुत्र मेघनाथ का वध हो जाता है। उसके बाद रावण को यह सूचना मिलते ही रावण व्याकुल होता है आज के मंचन में रावण युद्ध की तैयारी करता है। जिस पर उसकी पत्नी मंदोदरी रावण से कहती है कि अब भी आप सीता को वापस कर दीजिए सीता कोई साधारण स्त्री नहीं बल्कि स्वरूपा का अवतार है।
आपकी इसी जिद ने लंका का सर्वनाश कर दिया। मेरे पुत्रों को मुझसे छीन लिया मैं अभी आपसे कहती हूं कि आप चराचर के स्वामी प्रभु श्रीराम से जीत नहीं पाएंगे। इस पर रावण कहता है यदि अब मैं युद्ध से पीछे हटता हूं तो मैं कायर कल आऊंगा मेरे कुल वाले मुझ पर धूकेंगे और कहेंगे कि रावण कायर था। इसलिए मैं युद्ध करूंगा और यदि ईश्वर का अवतार है तो मैं मोक्ष उन्हीं के हाथों द्वारा लूंगा रावण युद्ध की तैयारी करता है और महादेव के पास जाता है महादेव से प्रार्थना करता है कि मेरी विजय हो। कहता है महादेव यदि मुझे आप जैसा ईश्वर नहीं मिलेगा तो हे महादेव रावण की भी यह बात सुन लीजिए आपको भी रावण जैसा भक्त नहीं मिलेगा और कहता है यदि मैं जीवित रहा तो आपसे अवश्य मिलूंगा उसके बाद रावण युद्ध में जाता है युद्ध होता है और युद्ध में धारा शाही हो जाता है। रावण के तीर लगने के बाद राम अपने अनुज लक्ष्मण से कहते हैं कि रावण महापंडित महा ज्ञानी है जाओ उसे जाकर ज्ञान लो लक्ष्मण रावण के सर के पास खड़े हो जाते हैं इस पर रावण कहते हैं यदि किसी से ज्ञान लेना हो तो उसके सर पर नहीं पैरों में रहना चाहिए और रावण अपने अंतिम उपदेश के साथ संसार से विदा लेते हैं।