कानाफूसी – धन्धा बड़ा पुराना है, सेट कर रखा थाना है
12 नवम्बर 2018 (सूरज वर्मा). वैसे तो हमको किसी के फटे में टांग घुसाने की आदत नहीं है लेकिन आप इतना पूछ रहे हो तो बता देते हैं। रेलवे लाइन के पड़ोस में बने एक शापिंग प्लाजा में इन दिनों मसाज पार्लर की आड़ में खुलेआम सेक्स रैकेट संचालित किया जा रहा है। खास बात ये है कि इस हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट के 100 मीटर से भी कम दूरी पर स्थानीय थाना और सीओ कार्यालय स्थित है। लेकिन सबकी आंख और कान दोनों बन्द हैं।
जब इस बारे में हमने थाना प्रभारी से पूछा तो वो तत्काल हमको 16 दूनी 8 पढाने लगे और बोले कि हमें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है, जब मिलेगी तो कार्यवाही भी कर देंगे। अभी तो किसी को कोई दिक्कत नहीं है उल्टा इससे बेचारे कुंआरे और बीबी के सताये पुरूषों को थोडी देर की राहत मिल जाती है। अगर तुमको ज्यादा दिक्कत हो रही हो तो बताओ वहां तुम्हारी व्यवस्था करवा दें ? ये सुन कर हमारे होश फाख्ता हो गये और हमने वहां से फूट लेने में ही भलाई समझी।
इसके बाद हमने सोचा कि सीओ साहब के संज्ञान में मामला लाया जाये। थाने के बगल में ही स्थित सी.ओ साहब के आफिस में घुसने पर हमने पाया कि सीओ साहब पूरी निष्ठा के साथ अपनी कुर्सी पर विराजमान थे और कुछ कागजात का गम्भीर अवलोकन करने में व्यस्त थे। हमने उनको अवगत कराया कि श्रीमान आपके आफिस के बगल में धड़ल्ले से स्पा और मसाज पार्लर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है, आप इस विषय में कुछ करते क्यों नहीं ?? सी.ओ साहब ने कागजों पर से नजर उठा कर हमको देखा और मुस्कुराते हुये कहा कि आपको क्या तकलीफ है, बेचारे इज्जत से मसाज पार्लर चला रहे हैं, सेक्स रैकेट का आरोप झूठा है। आप क्यों उनको फर्जी बदनाम कर रहे हो ?? आप भी जाइये मसाज करवा के ठण्डे हो कर आइये, तब आराम से बैठ कर बात करेंगे। और हां, पैसे की चिन्ता मत कीजियेगा वो सब हम अरेन्ज करवा देंगे।
ये सुन कर हमको समझ में आ गया कि पूरा मामला सेट है और चूंकि ये धन्धा बड़ा पुराना है, क्रेजी हुआ जमाना है, इसीलिये सेट कर रखा थाना है। खैर हमको क्या लेना देना हमको तो वैसे भी किसी के फटे में टांग घुसाने की आदत नहीं है लेकिन आप इतना पूछ रहे थे तो हमने बता दिया। जय राम जी की.......