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स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास सरकार की प्राथमिकता है

बहराइच 22 नवम्बर 2018 (ब्यूरो). सचिव, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मनीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को केन्द्र बिन्दु में रखते हुए प्रभावी एवं कारगर कार्ययोजना तैयार करें। सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि विभागीय कार्यों की ब्लाकवार एवं ग्राम पंचायतवार समीक्षा करते रहें। चौहान ने जिले के अधिकारियों से कहा कि विभाग में उपलब्ध संसाधनों से ही ऐसा कार्य करें जिसके बेहतर से बेहतर परिणाम प्राप्त हों।


उन्होंने कहा कि एक बेहतर कार्य योजना के माध्यम से सीमित संसाधनों का सदुपयोग कर अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रत्येक स्तर पर प्रोत्साहित किया जाये जबकि लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अनिवार्य रूप से दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस बात के लिए दृढ़ संकल्पित है कि विकसित और पिछड़े जनपदों के बीच की खाई को वर्ष 2022 तक समाप्त कर दिया जाये। सचिव चैहान ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर इत्यादि के क्षेत्र में तरक्की के माध्यम से ही जनपद को अग्रणी जनपद की श्रेणी में लाया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर क्रियान्वित करें। उन्होंने टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के प्रति जनजागरूकता के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने पर विशेष बल देते हुए विकासपरक योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कराते समय गुणवत्ता को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान किये जाने के निर्देश दिये। 

चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि जनता के कार्य समय से किये जायें और जो भी निर्माण कार्य हो उनमें गुणवत्ता को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की जाय। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक दशा में पात्र व्यक्तियों को मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जन शिकायतों का निस्तारण समयबद्धता के साथ किया जाय और इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाय कि शिकायकर्ता, की गयी कार्यवाही से संतुष्ट भी हो जाय। इसके लिए आवश्यकतानुसार शिकायतकर्ता से बात भी की जानी चाहिए। उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान में तकनीक का भरपूर उपयोग किये जाने का भी सुझाव दिया। शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए उन्होंने ऐसा मैकेनिज़्म डेवलप करने पर ज़ोर दिया कि जिससे तत्काल शिक्षा की गुणवत्ता का पता लगाया जा सके। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए रैण्डमली परीक्षा लेने पर बल देते हुए उन्होंने शिक्षकों को भी प्रत्येक स्तर पर मोटीवेट किये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि अपर से सेकेण्डरी स्कूलों के बच्चों की सूची शेयर करें। 

उन्होंने बीएसए को निर्देश दिया कि शिक्षकों के नाम व मोबाइल नम्बर स्कूल की दीवार पर लिखवा दें। बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाल विकास परियोजना अधिकारियों को एक्टिवेट किया जाय तथा बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए माता-पिता की काउन्सिलिंग भी करायी जाय। कृषि सेक्टर की समीक्षा के दौरान श्री चैहान ने निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करें। कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए नई-नई तकनीकों को किसानों तक पहुॅचाये जाने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य की जाॅच के सम्बन्ध में भी उन्हें जागरूक किया जाय। विद्युतीकरण कार्य की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी पात्र परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने का भी निर्देश दिया। इस अवसर पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा, प्रशिक्षु आईएएस प्रभाष कुमार, डीएफओ बहराइच आरपी सिंह, कतर्नियाघाट जीपी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, डीसी मनरेगा शेषमणि सिंह, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि डा. आरके सिंह, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, अधि. अभि. विद्युत मुकेश बाबू, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसके तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।