राजापुरवा इलाके में दम तोड़ रहा है स्वच्छ भारत अभियान
कानपुर 15 नवम्बर 2018 (सूरज वर्मा). चुनाव जीतने के बाद पार्षद नीरज बाजपेई जनता का हाल जानने क्षेत्र में
नहीं पहुंचते हैं, जो शिकायत लेकर इनके पास पहुंचता है, उसे भी ठीक तरह से
रिस्पॉन्स नहीं मिलता, यह कहना है राजापुरवा इलाके के निवासियों
का। स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां विकास के नाम पर एक ईंट तक पार्षद ने
नहीं लगवाई है। 5 साल
पहले जो हालात थे, वही बरकरार हैं।
जानकारी के अनुसार इलाके में नाला चोक पड़ा हुआ है, जिसके चलते निवासियों का जीना मुहाल हो
गया है। पार्षद से इसे साफ कराने की मांग की गई तो उन्होंने पल्ला झाड़कर
नगर निगम के अधिकारियों पर ठीकरा फोड़ दिया। कहा कि नगर निगम में प्रस्ताव
रखे गए, अब उन्हें कराने न कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। ऐसे में
अब निवासियों को पछतावा हो रहा है। उन्होंने अगले चुनाव में दोबारा पुरानी
गलती नहीं करने की बात कही है.
वार्ड की सड़कें कूड़ा और कचरे के लिए डलावघर बनती जा रही हैं। जिसकी मुख्य
वजह है सफाईकर्मियों की कमी। पिछले दिनों नगर आयुक्त ने वार्ड की साफ-
सफाई के निर्देश दिए। आदेश मिलते ही सफाईकर्मियों ने दिखावे के
लिए सफाई तो कर दी, लेकिन तीसरे दिन से समस्या जस की तस बरकरार रही। वार्ड
के निवासी भी कूड़े से बदहाल सड़क पर चलने को मजबूर हैं।
वहीं दूसरी तरफ पार्षद नीरज बाजपेई का कहना है कि पार्षद चुने जाने के बाद से ही उन्होंने अपने क्षेत्र के कई
मुद्दों पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है, जिसमें की क्षेत्र की नहर की सफाई
करवाना, नाले का निर्माण करवाना आदि मुद्दे शामिल है. नगर निगम को नाला निर्माण का
प्रस्ताव भी वे भेज चुके हैं, क्योंकि संकरी गलियों में जेसीबी मशीन प्रवेश नहीं
कर पाती है. इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में पांच हैंडपंपों की व्यवस्था करवाई
तथा अन्य सात का रीबोर प्रस्तावित है.
पार्षद का कहना है कि उनके क्षेत्र में छह मलिन बस्तियां हैं, जिनके विकास के लिए वह
निरन्तर प्रयास कर रहे हैं. मलिन बस्तियों में जल–निकासी की व्यवस्था करना, शौचालय
का निर्माण करवाना व सीवर लाइन डलवाना आदि उनकी भावी योजनाओं का भाग हैं. इसके साथ
ही वह क्षेत्र में विकास संबंधी अन्य कई कार्य भी करवा रहे हैं.