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मातृभाषा अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं बल्कि विशिष्ट पहचान : डॉ. बिंदू सिंह

कानपुर 21 फरवरी 2019. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली की पहल पर न्यास के कानपुर प्रान्त के पदाधिकारियों के नेतृत्व में आज विभिन्न कालेजों एवं शिक्षण संस्थानों में अर्न्तराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया। बताते चलें कि वर्ष 1952 में 21 फरवरी के दिन ढाका विश्वविद्यालय, जगन्नाथ विश्वविद्यालय और ढाका चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों द्वारा बांग्ला भाषा को राष्ट्र की भाषा घोषित किये जाने हेतु आन्दोलन किया गया था। जिनमें कई छात्रों को पुलिस द्वारा गोलियों से भून दिया गया था। इसी घटना को ध्यान में रखकर 21 फरवरी को अर्न्तराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 17 नवम्बर 1999 को यूनेस्कों के द्वारा हुई, परन्तु संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसकी स्वीकृति 2008 में दी। 



अर्न्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाने का उद्देश्य यह रहा है कि सम्पूर्ण विश्व मिलकर सांस्कृतिक एंव भाषिक विविधताओं को पोषित करे, जिससे कि विश्व में बहुभाषिकता और बहुसांस्कृतिकता सर्वोधित हो। किसी भी व्यक्ति की अभिव्यक्ति भाषा ही नहीं होती इसलिए सभी की मातृभाषाएँ एक सा महत्व रखती हैं, इस हेतु इन भाषाओं का संरक्षण एंव संवर्द्धन होना चाहिए। चित्रा पीजी कालेज में अपने वक्तव्य में शिक्षा संस्कृतिक उत्थान न्यास की प्रान्तीय संयोजक डॉ0 बिन्दू सिंह ने कहा कि मातृभाषा व्यक्ति की विशिष्ट पहचान होती है, अतः सभी को अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए एंव चित्रा ग्रुप के प्रबन्धनिदेशक सुरेश कुमार सचान ने कहा कि मातृभाषा समाज के सांस्कृतिक मूल्यों के विरासत को संयोजने का कार्य करती है। चित्रा पीजी कालेज में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ट समाजसेविका श्रीमती आभा द्विवेदी उपस्थित रहीं, जिन्होंने उपस्थित सभी को अर्न्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के बारे में विस्तृत रूप से बताया। 

अर्मापुर पीजी कालेज में कार्यक्रम के दौरान कालेज की प्राचार्या डॉ0 गायत्री सिंह ने कहा राष्ट्र के विकास के लिये मातृभाषा का ज्ञान और उसकी पकड़ अति आवश्यक है। जहां सरस्वती महाविधालय में प्रो0 प्रबल प्रताप सिंह के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित हुआ वहीं यूनाइटेड पब्लिक स्कूल में वरिष्ठ समाजसेवी आई.एम. रोहतगी जी व स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका लाल के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत प्रभारी (प्रचार/प्रसार) सर्वोत्तम तिवारी ने बताया कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी जी के निर्देशानुसार न्यास की पहल पर चित्रा ग्रुप्स की सभी ब्रांच, सरदार पटेल ग्रुप्स की सभी ब्रांच, अर्मापुर पीजी कालेज, सरस्वती महाविद्यालय, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, आईटीज एजुकेशन सेंटर, कैंब्रिज पब्लिक स्कूल, बी.एस.एस. इंटर कालेज, भारती इंटर कालेज, एस.आर.के. एजुकेशन सेंटर, आइडियल इंस्टीट्यूट, दस्तक क्लासेज, राज मेमोरियल पब्लिक स्कूल सहित कानपुर प्रांत के आधा सैकड़ा से ज्यादा शिक्षण संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्रमुखता से मनाया गया। 

उन्होंने कहा जिसका पूरा का पूरा श्रेय शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास को जाता है। कार्यक्रम के दौरान सभी जगह पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सेना के वीर जवानों को 2 मिनट का मौन रखते हुये मोमबत्तियां जलाकर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विभिन्न कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से डॉ0 बिन्दू सिंह, डॉ0 गायत्री सिंह, सर्वोत्तम तिवारी, प्रो0 प्रबल प्रताप सिंह, निशांत पाठक, डॉ0 लीना सिंह, सुरेश कुमार सचान, डॉ0 ममता श्रीवास्तव, रश्मि झा, गुरुविंदर कौर, विकास पाठक, श्रीमती आभा द्विवेदी, कमलेश कटियार, धर्मेंद्र अवस्थी, रश्मि श्रीवास्तव, रोहित राधाकृष्णा, अनिल जैन, कविता प्रकाश, अन्नपूर्णा, सुषमा सिंह, रेखा श्रीवास्तव, स्वप्निल चौधरी, आशीष मिश्रा, मनीष शर्मा, दिव्या गुप्ता, दिवाकर चक्रवर्ती सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।