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फर्जी समिति बनाकर विद्यालय सम्पत्ति पर कब्जे की हो रही है साजिश

कानपुर 22 फरवरी 2019 (महेश प्रताप सिंह). अर्मापुर इस्टेट कानपुर स्थित नारी कल्याण गर्ल्स इण्टर कालेज, जो निकटवर्ती क्षेत्रों की गरीब छात्राओं का एक मात्र शिक्षा केंद्र है, उसकी कार्यवाहक प्रधानाचार्या व लिपिक पर बाहरी लोगों के साथ मिलकर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय कानपुर नगर के संरक्षण में कब्जा करने की साजिश का आरोप लगाते हुए महिला कल्याण समिति नारी कल्याण गर्ल्स कालेज विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया।



वार्ता के दौरान विद्यालय प्रबन्ध समिति की अध्यता सीमा गर्ग, नीलिमा सिंह, शशि कुमार, सबा अख्तर आदि ने बताया कि पिछले कुछ वर्षो से नारी कल्याण गर्ल्स इंटर काॅलेज अर्मापुर कानपुर के लिपिक विनय कुमार पांडेय, कार्यवाहक प्रधानाचार्य आशा सिंह द्वारा बाहरी अराजक एवं फर्जी लोगों के साथ मिलकर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय कानपुर के संरक्षण में विद्यालय पर कब्जे की साजिश हो रही है। कहा इस विद्यालय का संचालन आयुध निर्माणी में कार्यरत कर्मचारियों व ऑफिसरो की पत्नियों द्वारा होता है तथा बाहरी अज्ञात एवं फर्जी शैलेन्द्र कुमार द्वारा इस समिति पर अपना दावा घोषित करना यह साबित करता है कि कुछ बाहरी अराजक तत्व इस विद्यालय की संपत्ति को अवैध रूप से हड़पने का प्रयास कर रहे हैं। 


बताया कि आशा सिंह व विनय पांडेय द्वारा फर्जी समिति का गठन कर विद्यालय सम्पत्ति को हड़पने का घटिया प्रयास किया गया है और जिला विद्यालय निरीक्षण ने बिना किसी जांच के एक पक्षीय निर्णय लेते हुए विद्यालय प्रबंध समिति को विवादित मान लिया और एकल संचालन का आदेश भी जारी कर दिया। जो साबित करता है कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय कार्यालय भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है। वहां का एक बाबू अराजक तत्वों के साथ मिला हुआ है। पहले डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय फर्म सोसाइटीज तथा चिटस कानपुर मंडल में व उसके उपरान्त न्यायालय उप जिला मजिस्ट्रेट कानपुर सदर में फर्जी समिति का आवेदन किया और सुनवाई की तारीख बढवाते जा रहे है ताकि प्रबंधन की यथा स्थिति बनी रहे। जिला विद्यालय निरीक्षक से कई बार भेंट करने के बाद भी कोई कार्यवाही आज तक नहीं की जा रही है। साथ हीफर्जी रूप से एक अध्यापक को भर्ती भी किया गया है, यह सरकारी धन का दुरूपयोग है। 


बताया कि शिक्षा मंत्री द्वारा जांच के आदेश दिये जा चुके हैं तथा जिलाधिकारी द्वारा सख्त निर्देश दिए जाने के बाद भी संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय इस जांच को दबाये बैठा है। इस स्थितियों में इस तरह की अराजकता के चलते छात्राओं-बालिकाओं का यह विद्यालय चलाना और बचाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।