रेल का खेल (7) - ट्रेन से दिल्ली भेजी जा रही 50 लाख की इम्पोर्टेड सिगरेट बरामद
कानपुर 13 फरवरी 2019 (सूरज वर्मा). भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की अर्थव्यवस्था
को चलाने के लिए कहीं ना कहीं जनता द्वारा चुकाए गए टैक्स की अहम भूमिका
रहती है, परन्तु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूरे जोर से इसी कोशिश में लगे रहते हैं
कि उन्हें एक भी पैसा टैक्स सरकार को ना देना पड़े। ताजा मामला पूर्वोत्तर एक्सप्रेस ट्रेन का है जिसके एसएलआर कोच में असम से दिल्ली ले जाई जा रही लगभग 50 लाख की अवैध विदेशी सिगरेट बरामद हुयी है।
जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना पर बुधवार को कस्टम लखनऊ की टीम ने सेंट्रल स्टेशन पर छापेमारी की और लगभग 50 लाख रुपये की अवैध इम्पोर्टेड सिगरेट को अपने कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है। अधीक्षक जगत सिंह राणा ने बताया कि आयुक्त वी.पी शुक्ला और उपायुक्त चंचल कुमार तिवारी के विशेष निर्देश पर हम कार्यवाही कर रहे हैं, हमें जानकारी मिली कि विदेश से तस्कर की गई इस सिगरेट को लम्बडिंग जंक्शन असम से दिल्ली अवैध रूप से ले जाया जा रहा था। जिसके बाद टीम कानपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1 पर पहुंची, जहां लम्बडिंग जंक्शन असम से आ रही पूर्वोत्तर सम्पर्क क्रांति ट्रेन पर छापेमारी की गई और ट्रेन के एसएलआर कोच से अवैध रूप से दिल्ली ले जाई जा रही कई गत्तों में लगभग 50 लाख रुपये की इम्पोर्टेड सिगरेट बरामद कर ली गयी। कोई अन्य व्यक्ति मौके पर नहीं मिला है, फ़िलहाल हमारी टीम अागे की जांच में जुट गई है।
बताते चलें कि सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद कानपुर
सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर टैक्स चोरी के मामले कम होने
के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं। जिससे सरकार को रोजाना लाखों का चूना सिर्फ
कानपुर रेलवे विभाग से ही लगता है। सूत्रों की माने तो टैक्स चोरी का
मुद्दा कोई नया नहीं है, टैक्स चोरों की कई पीढ़ी इस कार्य में लिप्त रही
हैं। टैक्स चोरी के कार्य में रातों रात लाखों के वारे न्यारे हो जाना इसका
प्रमुख कारण है। कभी स्टेशन किनारे फलों का ठेला लगाने वाले आज टैक्स
चोरी की बदौलत करोड़ों की संपत्ति का मालिक बने बैठे हैं, उनके अाधीन कार्य
करने वाले भी लाखों में खेल रहे हैं।
कई बार दलाली के इस धंधे में वर्चस्व को लेकर गोलियां भी चली हैं, इतना होने के बाद भी आज तक किसी भी दलाल का बाल भी बांका नहीं हुआ है। सूत्रों की माने तो क्षेत्रीय पुलिस से लेकर रेलवे पुलिस तक इनके आगे नतमस्तक रहती है। विचारणीय है कि रेलवे जैसे संवेदनशील विभाग से एक झोला भी बिना चेकिंग किए निकल जाना सम्भव नहीं हो सकता है तो फिर टैक्स चोरी का माल कैसे निकल जाता है ????
कई बार दलाली के इस धंधे में वर्चस्व को लेकर गोलियां भी चली हैं, इतना होने के बाद भी आज तक किसी भी दलाल का बाल भी बांका नहीं हुआ है। सूत्रों की माने तो क्षेत्रीय पुलिस से लेकर रेलवे पुलिस तक इनके आगे नतमस्तक रहती है। विचारणीय है कि रेलवे जैसे संवेदनशील विभाग से एक झोला भी बिना चेकिंग किए निकल जाना सम्भव नहीं हो सकता है तो फिर टैक्स चोरी का माल कैसे निकल जाता है ????