नवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
कानपुर 10 अप्रैल 2019 (पप्पू यादव). नवरात्र भारतवर्ष में हिंदूओं द्वारा मनाया जाने प्रमुख पर्व है। इस दौरान
मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो एक वर्ष में चैत्र,
आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं
लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने
वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र
को वासंती नवरात्र तो शरद ऋतु में आने वाले आश्विन मास के नवरात्र को
शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है।
मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी,
कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र
के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की
पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला
जाता है। इन दिनों माता के भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ रही है। नवरात्रि के पहले दिन घरों में कलश स्थापना हो चुकी है, भक्तों ने व्रत का संकल्प ले लिया है और चारों तरफ भक्तिपूर्ण माहौल है।
बताते चलें कि नवरात्रि का खास पर्व 6 अप्रैल से शुरू हुआ था जो कि 14 अप्रैल को राम नवमी के दिन आ कर समाप्त हो जाएगा। नवरात्र के इन 9 दिनों में भक्तजन मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और आखिरी दिन कन्याओं की पूजा कर के इसका उद्यापन करते हैं। नवरात्र में बिना कन्या पूजा के व्रत अधूरा माना जाता है। कन्या पूजा अष्टमी या फिर नवमी के दिन की जाती है। इन नौ कन्याओं को देवी के नौ स्वरूप माने जाते हैं और इनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा पूजा पाठ से इतनी खुश नहीं होती जितनी खुश वह तब होती है जब किसी कन्या का पूजन किया जाता है।
कानपुर के मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी दिखाई दे रही है। नवरात्रि उत्सव के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। देवी मंदिरों में हर रोज हजारों लोगों के आने की उम्मीद है। कानपुर के बारादेवी मंदिर में आज भक्तों की भारी भीड़ रही, जिला प्रशासन ने सभी मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबन्द की है। बारादेवी मंदिर की सुरक्षा में एस.आई राजेश सिंह के कुशल निर्देशन में लगभग 4 दर्जन पुलिसकर्मी 24 घंटे लगे हुए हैं।
बताते चलें कि नवरात्रि का खास पर्व 6 अप्रैल से शुरू हुआ था जो कि 14 अप्रैल को राम नवमी के दिन आ कर समाप्त हो जाएगा। नवरात्र के इन 9 दिनों में भक्तजन मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और आखिरी दिन कन्याओं की पूजा कर के इसका उद्यापन करते हैं। नवरात्र में बिना कन्या पूजा के व्रत अधूरा माना जाता है। कन्या पूजा अष्टमी या फिर नवमी के दिन की जाती है। इन नौ कन्याओं को देवी के नौ स्वरूप माने जाते हैं और इनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा पूजा पाठ से इतनी खुश नहीं होती जितनी खुश वह तब होती है जब किसी कन्या का पूजन किया जाता है।
कानपुर के मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी दिखाई दे रही है। नवरात्रि उत्सव के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। देवी मंदिरों में हर रोज हजारों लोगों के आने की उम्मीद है। कानपुर के बारादेवी मंदिर में आज भक्तों की भारी भीड़ रही, जिला प्रशासन ने सभी मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबन्द की है। बारादेवी मंदिर की सुरक्षा में एस.आई राजेश सिंह के कुशल निर्देशन में लगभग 4 दर्जन पुलिसकर्मी 24 घंटे लगे हुए हैं।
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