अगर आपका वोट चोरी हो जाए तो ये करें ...
कानपुर 05 अप्रैल 2019 (शावेज आलम). अगर आगामी लोकसभा चुनाव में आपका वोट कोई और डाल दे, तो आप धारा 49(पी) के तहत अपना वोट क्लेम कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने साल 1961 में इस धारा को संशोधित कर शामिल किया
था. इस धारा के तहत वोट करने के असल हक़दार को दोबारा वोट करने का अधिकार दिया जाता है, यह वोट टेंडर वोट कहलाता है।
विदित हो कि मतदान के दौरान अगर कोई व्यक्ति प्रपत्राें में गड़बड़ी कर किसी दूसरे
मतदाता के स्थान पर पहले से वोट डाल देता है तो असली मतदाता द्वारा दावा
करने और साक्ष्य दिखाकर अपने आपको सही साबित करने पर पहले डाले गये वोट को
टेंडर वोट घोषित कर दिया जाता है। साथ ही असली मतदाता को बैलेट पेपर से मतदान करने की व्यवस्था कराई जाती है, जिससे वह अपने मताधिकार का
इस्तेमाल कर सके।
जो भी व्यक्ति इस धारा का इस्तेमाल करना चाहता है, सबसे पहले वो अपनी वोटर
आईडी पीठासीन अधिकारी को दिखाए. इसके साथ ही फ़ॉर्म 17 (बी) पर भी
हस्ताक्षर कर जमा करना होता है। कई बार लोग फ़र्जी वोटिंग की शिकायत वोटिंग एजेंट के पास कर देते
हैं. पर इसके लिए फॉर्म 14 और महज़ दो रुपए अदा कर पीठासीन
अधिकारी के पास शिकायत करनी होगी। इसके बाद पीठासीन अधिकारी या तो इलाकाई लोगों की मौजूदगी में या फिर इलाक़े के राजस्व अधिकारी की मौजूदगी में
जांच करेगा. अगर फ़र्ज़ी वोट की पहचान हो जाती है तो जिसके नाम
से वोट डाला गया है, पीठासीन अधिकारी उसे अपना मत देने का अधिकार देगा. लेकिन
अगर फ़र्ज़ी मत की पहचान नहीं होती है तो पीठासीन अधिकारी या तो
शिकायतकर्ता के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर सकता है या फिर दो
रुपए वापस कर मामला ख़त्म कर सकता है.
टेंडर वोट के बाद असली मतदाता द्वारा डाले गये वोट को चैलेंज वोट घोषित
किया जाएगा। साथ ही उससे सामान्य तरीके से वोट डलवाने के बजाय उसका मतपत्र
भरवाकर उसे अलग लिफाफे में रखा जाएगा। साधारणत: चैलेंज वोट को गिनती में
शामिल नहीं किया जाएगा। परंतु मतगणना दौरान दो प्रत्याशियाें के बराबर मत
होने पर चुनाव फंसने की स्थिति में चैलेंज मत को गिनती में शामिल कराने पर
विचार किया जाएगा।
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