गुरूकुल दृश्यकला व नाट्य विद्यालय में हुआ एकल प्रदर्शनी काआयोजन
कानपुर 02 जून 2019 (महेश प्रताप सिंह). रविवार को गुरूकुल दृश्यकला व नाट्य विद्यालय आजाद नगर में कमल श्रीवास्तव की कलाकृतियों की एकल प्रर्दशनी का आयोजन किया गया। कमल श्रीवास्तव आंजिक्य डी वाई पाटिल विद्यापीठ पुणे में एनिमेशन विभाग के प्रवक्ता हैं। प्रदर्शिनी का उद्घाटन चित्रकार के पिता पुरेन्द्र श्रीवास्तव, माता आशा श्रीवास्तव एवं गुरू श्री अभय द्विवेदी के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।
गुरूकुल की सचिव डाॅ0 शालिनी पांडिया के अनुसार श्री कमल ने अपने चित्रों में तैल रंग, ऐक्रेलिक रंग, पेंसिल रंग का प्रयोग किया है। आपने ललित कला विभाग - डीएवी काॅलेज कानपुर में कला की शिक्षा प्राप्त की है, साथ ही उन्होंने एनिमेशन तकनीक को भी स्वअध्ययन से सीखा और इण्टरमीडिएट के बाद से ही एनिमेशन संस्थानों में कार्य करते रहे। आज की इस प्रदर्शनी को नगर के युवती प्रतिभावान चित्रकार नेहा दुआ ने क्यूरेट किया है और इस प्रदर्शनी का संयोजक मोहित सिंह और गुरूजीत सिंह ने किया। श्री कमल ने अपने चित्रों में मुख्यतः पर्यावरण को आज की चकाचौंध में धूमिल होते हुए दिखाने का प्रयास किया है। इन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वस्तुओं, पत्तियों आदि को संजीवता से चित्रित किया है, साथ ही उन्होंने व्यक्ति चित्रों एवं परिदृश्यों को चित्रित किया है। पशुओं भावाकूल एवं चटक रंगों का प्रयोग एवं वस्तुओं की सजीवता आपके चित्रों की विशेषता है।
आपके कृतियों का संयोजन पूर्ण एवं संतुलित है। आपने विषय को उभारने के लिये उन्होंने कई चित्रों में अन्तराल को बढ़ावा दिया है, जिससे चित्रों का आर्कषण बढ़ जाता है। श्री कमल के चित्रों में रूप, लय देखते ही बनता है। इन्होंने अपने दो चित्रों में गायों की बदहाली को बड़े ही भावपूर्ण रूप से दिखाया है जिसमें उन्होंने गायों को सिर्फ पत्तियों पर आश्रित दिखाया है। जबकि वह अपना पूर्ण जीवन इन्सानों के लिये अर्पित कर देती है। अन्य चित्रों में इन्होंनें आज के शहरी वातावरण में चाटुकारिता को प्रतीकात्मक रूप से चित्रित किया है। एक अन्य अपने चित्र में इन्होंने अपने आपको कला और डिजिटल दुनिया में फँसा हुआ दिखाया है। इन्होंने खुद को एक मक्खी के रूप में भी चित्रित किया है। आप विगत 20 वर्षों से चित्रकला साधना में लीन है। साथ ही इन्होंने एनिमेशन को मुख्यता दी है।
इस अवसर पर नगर के कलानुरणी, कलाकार, युवा चित्रकार, कला छात्र-छात्राओं के अलावा विशिष्ठ रूप से डाॅ0 हृदय गुप्ता, डाॅ0 लोकेश्वर सिंह, डाॅ0 अखिलेश श्रीवास्तव, डाॅ0 पूजा शुक्ला, डाॅ0 कल्पना गुप्ता, श्रीमती श्वेता मिश्रा, आर एस पाण्डेय, चौधरी (मुम्बई), मोहित सिंह, अशोक कुमार वर्मा, निशि वर्मा, सरवर जहाँ, नवमी शुक्ला, प्रिया सोनी, शिवानी सिंह, उत्कर्ष, गुरजीत सिंह आदि लोग इस मौके पर उपस्थित रहे।
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