गरीब परिवार का बेटा बना रंगों का कुशल चितेरा
कानपुर 12 जून 2019. रंगों की अपनी ही एक अनोखी दुनियाँ होती है जिसकी भाषा रंग और रेखाओं के जरिये बोली जाती है। इसी भाषा को विस्तार दे रहा है पनकी गंगा गंज के एक मध्यमवर्गीय परिवार में पला बढ़ा इलेक्ट्रीशियन पिता का बेटा मोहित सिंह। मोहित विलुप्त होती चित्रकारों की कला को आधुनिकीकरण से सँवारने में दिलोजान से जुटा है।
मोहित को शुरू से चित्रों से भरी दुनियाँ अपनी ओर खींचती थी। किताबों से ज्यादा उसका रंगों से लगाव बन गया था। अपने आसपास की सभी चीजों में रचनात्मक चित्रण को महसूस करने वाले कलाकार मोहित ने अपना कैरियर बस चित्रकला के क्षेत्र में बनाने का फैसला कर लिया। इस बीच में उसको काफी परेशानियां उठानी पड़ी, वो एक गरीब परिवार से है लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी और अपने हौसलों पर कायम रहा ।
कला के साथ साथ पढ़ाई में भी खुद को मजबूत किया, जिससे वो आज के आधुनिक परिवेश के अनुसार नयी विधाओं का सृजन कर सके। कानपुर में कला का ज्यादा महत्व नहीं है इसीलिए मोहित सिंह ने अपने कानपुर में ही रह कर कला को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। मोहित सिंह ने अपने गुरु प्रोo अभय दिवेदी से कला का ज्ञान प्राप्त किया है। इसके अलावा ‘गुरूकुल आर्ट गैलरी’ नाम की एक संस्था भी उसका काफी सहयोग किया। गुरूकुल संस्था कला एवं कलाकारों के लिये बेहतरीन कार्य कर रही है। कलाकारों की नियमित आय और रोजगार के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहती है। साथ ही ये संस्था कलाप्रेमियों के लिए भी बेहतरीन चित्रों को उपलब्ध करवाती है।
मोहित सिंह नेे दिल्ली, रेवाड़ी, जयपुर और चंडीगढ़ राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में शिरकत की है और कई ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में गोल्ड मैडल, ट्राफी आदि जीती हैं। मोहित सिंह ने 3 जून 2018 को दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में 1500 मीटर लम्बी पेंटिंग बना कर चेन्नई का रिकॉर्ड तोड़ा। बताते चलें कि मोहित का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हुआ है।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें