कानपुर पुलिस ने अधिवक्ताओं पर दर्ज कराया फर्जी मुकदमा
कानपुर 12 जून 2019 (अनुज तिवारी). योगी राज में पुलिस क्राइम कंट्रोल करने में तो असफल है पर आम आदमी व समाज के बुद्धिजीवियों पर मुकदमा करने में देर नहीं लगती है। हम बात कर रहे हैं कानपुर बार एसोसिएशन के मंत्री रिषभ अवस्थी की उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि वे दिनांक 27 अप्रैल को किसी मामले में थाना स्वरूप नगर गए थे। वहां पर ट्रेनी दरोगा राम मोहन यादव द्वारा पैसे की मांग की गई व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। विरोध करने पर पुलिस के उच्चाधिकारियों ने उनसे जबरन समझौतानामा लिखवा कर मामला रफा-दफा कर दिया।
रिषभ अवस्थी ने बताया कि 29 अप्रैल को पुनः ट्रेनी दरोगा ने उनको धमकी दी कि पहले क्या कर.लिया था और अब क्या कर लोगे, मेरी पावर बहुत ऊपर तक है। इसकी शिकायत रिषभ अवस्थी ने 14 मई को कानपुर सीएमएम को लिखित में की थी। इसके पश्चात 156/3 के शिकायती पत्र को बराबर वापस लेने का दबाव पुलिस के आला अधिकारियों द्धारा बनाया जा रहा है। इस मामले की 7 जून को सुनवाई थी, उसी दिन ट्रेनी दरोगा द्धारा पेशबंदी के तहत रिषभ पर एक फर्जी मुकदमा दाखिल कर दिया गया। जिस मामले को संज्ञान में लेते हुए कानपुर बार एसोसिएशन व लायर्स एसोसिएशन द्वारा कचहरी में हड़ताल की गई थी व शहर कप्तान को ज्ञापन भी दिया गया था जिसमें कप्तान ने जांच के आदेश दिए थे।
ऋषभ अवस्थी ने बताया कि हम वकीलों पर अत्याचार हो रहा है तो फिर आम जनता का क्या हाल होगा ? उन्होंने बताया कि जब पुलिस के ऊपर कोई एफआईआर होती है तो वह पीड़ित पर बराबर दबाव बनाती है व फर्जी मुकदमें में फंसा देती है। उन्होंने बताया कि शहर कप्तान द्वारा अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो बार एसोसिएशन व लायर्स एसोसिएशन के महामंत्री आगे बड़ी कार्यवाही व आंदोलन भी करेंगे।
वहीं बार एसोसिएशन के महामंत्री कपिलदीप सचान ने बताया कि जब पुलिस पर कोई बात आती है तो वह अपनी गलतियों को छुपा कर पीड़ित पर पूरा दबाव बनाती है, जिसको हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा अपने नीचे कार्य कर रहे अफसरों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, तभी शहर में खुल कर क्राइम और अपराधिक घटनायें हो रही हैं। अगर ऐसा ही रहा तो कानपुर की पुलिस अपराध रोकने में बिल्कुल नाकाम हो जाएगी।
कपिल दीप सचान ने बताया कि अधिवक्ता ही पुलिस के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाता आया है और समाज को एक नई दिशा दिखाता है। अगर अधिवक्ताओं के साथ भी गलत होगा तो आम जनमानस को इसांफ कौन दिलाएगा। उन्होंने ऋषभ अवस्थी के मामले में कहा कि अगर उनके मामले में अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच नहीं की तो वह आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
वहीं लॉयर्स एसोसिएशन के महामंत्री वीर बहादुर सिंह ने कहा कि अधिवक्ता ही समाज में दिशा देने का कार्य करता है अगर अधिवक्ताओं पर ही अत्याचार होगा तो पब्लिक का क्या हाल होता होगा। उन्होंने बार एसोसिएशन के मंत्री रिषभ अवस्थी के लिए कहा कि हम शांत नहीं बैठेंगे और उनको पूरी तरीके से न्याय दिलाएंगे। उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं को ही न्याय नहीं मिलेगा तो अधिवक्ता किसी आम आदमी को न्याय कैसे दिलवाएगा और ऋषभ अवस्थी जी के मामले में अगर जांच करके दरोगा पर उचित कार्यवाही नहीं करी गई तो यह लड़ाई आंदोलन में तब्दील हो जाएगी।
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