रेल का खेल (8) - कानपुर सेन्ट्रल में बेधड़क जारी है अवैध माल की एंट्री
कानपुर 09 अगस्त 2019 (पप्पू यादव). कानपुर सेंट्रल में अवैध पार्सल का काम बन्द होने का नाम ही नहीं ले रहा है। सूत्रों की माने तो मानक के खिलाफ अवैध माल की एंट्री लगातार जारी है। प्लेट फार्म नम्बर 10 में बने गुप्त रास्तों से माल की एंट्री होती है, जिसे रोकने वाला कोई नहीं है। रोजाना लाखों की कर चोरी किये जाने के अलावा यात्रियों का जीवन भी संकट में डाला जा रहा है। कई बार शिकायत करने के बाद भी यहां कोई सख्त कार्यवाही नहीं होती है।
नहीं होती है कोई चेकिंग -
सूत्रों के अनुसार विभिन्न
गलियों से ही सील पैक्ड होकर, रिक्शों, ट्राॅलियों व लोडरों में लदकर सारा माल बिना किसी क्राॅस चेकिंग के
सुरंगों के रास्ते प्लेटफार्म पर पहुंचा दिया जाता है। फिर ट्रेन आते ही
पार्सल वैगन खोलकर उसमें सीधे लोड कर दिया जाता है।
सूत्रों की माने तो सबसे खतरनाक जानकारी
ये है कि कथित रूप से कानपुर से बनकर, पैक होकर देशभर में और कई पड़ोसी मुल्कों तक
एक्सपोर्ट हो रहे माल को पैक कराके पहुंचाने का जिम्मा ले रखा है जेल में बंद एक खतरनाक
हिस्ट्रीशीटर और उसके भाई ने। इतना ही नहीं आरोप है कि इन
पार्सलों-डिब्बों में हवाले की मोटी रकम और दूसरी खतरनाक चीजें भेजी जा रही
हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस, टैक्स डिपार्टमेंट और रेलवे सहित
जिम्मेदार लोग ‘सुविधा शुल्क’ के कारण आंखें मीचे हैं। सेल्स टैक्स या एक्साइज आदि विभागों के पास तो इस
गोरखधन्धे का कोई हिसाब-किताब ही नहीं है।
बाहर से लाकर बेचा जाता है विषाक्त भोजन -
प्लास्टिक
की बाल्टियों में भरकर भोजन सेन्ट्रल स्टेशन के गुप्त रास्तों से
स्टेशन के अन्दर लाकर बेचा जाता है, जो रेलवे मानक के खिलाफ है। बाहर से
लाकर जो खाना बेचा जा रहा है वो सेहत के लिये पूरी तरह हानिकारक है। खराब
खाने को लेकर कई बार शिकायतें आ चुकी हैं, उसके बाद भी कोई ठोस कार्यवाही
नहीं की जाती। लगातार प्लास्टिक के गंदे बर्तनों में भरकर खाना बाहर से
अन्दर लाया जा रहा है।
शेष अगले अंक में.....................
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