समुद्र होगा देश में पर्यटन के लिए अगला प्रवेश द्वार
नई दिल्ली 02 जुलाई 2019. केंद्रीय जहाजरानी (स्वतंत्र प्रभार) और रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री
मनसुख मंडाविया तथा केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने देश में समुद्री पर्यटन की असीम
संभावनाओं पर चर्चा की है। नई दिल्ली में कल दोनों मंत्रियों के बीच हुई एक
बैठक में तटीय पर्यटन के जरिये देश के तटीय इलाकों में स्थित महत्वपूर्ण
पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत पर बल दिया गया।
इस
बैठक में देश में तटीय पर्यटन के क्षेत्रों का पता लगाने और इन स्थलों को
बढ़ावा देने के तरीके सुझाने के लिए दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों
की एक समिति गठित करने का फैसला हुआ है। इसमें तटीय पर्यटन, क्रूज पर्यटन,
समुद्री खेलों और लाइट हाऊस दर्शक दीर्घा जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं और
अवसरों का पता लगाने का भी फैसला किया गया। बैठक में सुझाव दिया गया कि
प्रत्येक तटीय इलाके में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कार्यक्रमों का
एक कैलेंडर तैयार किया जा सकता है। इनमें बीच बॉलीबाल, रेत शिल्प, फूड
फेस्टिवल, मछुआरा समुदाय का नृत्य जैसी गतिविधियां शामिल की जा सकती हैं।
जहाजरानी
मंत्रालय सागरमाला कार्यक्रम के तहत समुद्री क्षेत्रों वाले राज्यों में
पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। इसे पर्यटन मंत्रालय और तटीय इलाकों वाले
राज्यों की सरकारों के पर्यटन विकास विभागों की मदद से आगे बढ़ाया जा रहा
है। ये
नए और अछूते पर्यटन क्षेत्र समुद्र से सटे राज्यों के तटीय इलाकों में
रहने वाले समुदायों के लिए नए रास्ते खोलेंगे, जहां उन्हें कई नए और अलग
तरह के रोजगार के अवसर मिलेंगे। आने वाले वर्षों में तटीय एवं समुद्री
पर्यटन भारत के तटीय राज्यों में विकास और रोजगार देने वाला स्रोत बनेगा। दोनों
मंत्रियों ने इस बात को भी रेखांकित किया कि निश्चित समयावधि के भीतर
मनचाहा परिणाम हासिल करने के लिए दोनों मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय एवं
तालमेल की जरूरत है।
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