मिड डे मील में नमक रोटी खाते स्कूली बच्चों का वीडियो बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज
लखनऊ 02 सितम्बर 2019. पूर्वी
उत्तर प्रदेश में मिर्ज़ापुर जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत मिड-डे मील के तौर पर नमक
के साथ रोटी खाते देखने का वीडियो जारी होने के कुछ ही दिन बाद राज्य सरकार
ने उस पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसने वह वीडियो शूट किया था. अपनी
शिकायत में क्षेत्रीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने पत्रकार पवन जायसवाल तथा
स्थानीय ग्राम प्रधान के एक प्रतिनिधि पर राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए
रची गई साज़िश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है.
जानकारी के अनुसार मिर्ज़ापुर के स्कूल के वीडियो में छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल के गलियारे में फर्श पर बैठकर नमक के साथ रोटियां खाते देखा गया था. राज्य
में मिड-डे मील की निगरानी करने वाली उत्तर प्रदेश मिड-डे मील अथॉरिटी की
वेबसाइट पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की
विस्तृत सूची दी गई है, जिसमें दालें, चावल, रोटी तथा सब्ज़ियां होनी
चाहिए. मील चार्ट के मुताबिक, कुछ विशेष दिनों पर स्कूलों में फल तथा दूध
भी वितरित किया जाना चाहिए.
दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि जिस दिन वीडियो शूट किया गया, उस दिन स्कूल में सिर्फ रोटियां पकाई गई थीं. गाम प्रधान के प्रतिनिधि को पत्रकार को स्कूल परिसर में बुलाने के स्थान पर सब्ज़ियों की व्यवस्था करनी चाहिए थी. FIR में यह भी कहा गया है कि वीडियो एक स्थानीय पत्रकार ने शूट किया था, तथा उसे फिर समाचार एजेंसी ANI को फॉरवर्ड कर दिया गया. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया तथा राज्य सरकार की बदनामी हुई. पत्रकार तथा गाम प्रधान के प्रतिनिधि पर धोखाधड़ी तथा आपराधिक साज़िश रचने का आरोप लगाया गया है. राज्य सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई उस बयान के कतई विपरीत है, जो घटना के बाद जारी किया गया था।
दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि जिस दिन वीडियो शूट किया गया, उस दिन स्कूल में सिर्फ रोटियां पकाई गई थीं. गाम प्रधान के प्रतिनिधि को पत्रकार को स्कूल परिसर में बुलाने के स्थान पर सब्ज़ियों की व्यवस्था करनी चाहिए थी. FIR में यह भी कहा गया है कि वीडियो एक स्थानीय पत्रकार ने शूट किया था, तथा उसे फिर समाचार एजेंसी ANI को फॉरवर्ड कर दिया गया. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया तथा राज्य सरकार की बदनामी हुई. पत्रकार तथा गाम प्रधान के प्रतिनिधि पर धोखाधड़ी तथा आपराधिक साज़िश रचने का आरोप लगाया गया है. राज्य सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई उस बयान के कतई विपरीत है, जो घटना के बाद जारी किया गया था।
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