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वाहन चेकिंग के नाम पर, पुलिस वसूली के काम पर

(सूरज वर्मा). 
वाहन चेकिंग इन दिनों सूबे में मुसीबत बनती जा रही है। जगह जगह पुलिस और पब्लिक में व‍िवाद देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला जिले के एक पॉश इलाके का है जहां पब्लिक का आरोप है कि वाहन चैकिंग करते समय पुलिस ने कई लोगों को रोककर उसके साथ अभद्रता की और वि‍रोध करने पर मारपीट करने का प्रयास किया।


पहले भी पुलिस की वाहन चेकिंग स्‍टाइल को लेकर चर्चा रही है, मगर अब पुलिस के व‍िरोध की बढती घटनायें बता रही हैं कि जनता का सब्र जवाब देता जा रहा है।  पुलिस के मुखिया अपनी पुलिस को बार-बार  समझा रहे हैं की वाहन चैकिंग करते हुऐ किसी के साथ आप गुंडागर्दी नहीं करेंगे, मग़र हेडक्‍वाटर में बैठे साहब की बात सुनना और उसको मानना शायद दो अलग अलग बातें हैं।

सूत्रों के अनुसार बीती रात पुलिस अपनी चिरपरिचित स्‍टाइल में वाहन चेकिंग कर रही थी कि तभी एक बेचारा आम आदमी गलती से अपनी पुत्री के साथ बाकायदा हैल्‍मेट लगाये हुये वहां से गुजरने की हिमाकत कर बैठा। पुलिस ने तत्‍काल उसको यूं धर दबोचा मानो वो कहीं बम प्‍लान्‍ट करने जा रहा हो या बाप बेटी चेन स्‍नैचिंग करके भाग रहे हों। उसको हड़काते हुये एम.वी एक्‍ट की इतनी धारायें गिना दी गईं कि बेचारे को लगने लगा की स्‍कूटी खरीद कर गलती कर दी। उसने जब दबे शब्‍दों में इस गुण्‍डई पूर्ण व्‍यवहार का विरोध किया तो पुलिस ने उसका तमाम ज्ञात अज्ञात आरोपों में चालान काट दिया।

इस बारे में जब हमारे संवाददाता ने सी.ओ साहब से बात की तो उन्होंने कहा कि आरोप सही नहीं है और एस.ओ साहब न‍ियमानुसार चैंकिग कर रहे थे, लोग झूठा आरोप लगा रहे हैं। अगर एस.ओ साहब ने कुछ गलत किया है तो शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई जाएगी। बात सीओ साहब की भी सही है, हमारे देश की जनता तो है ही झूठी, सच्‍चाई का ठेका तो केवल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ले रखा है।


नोट- सनद रहे कि हम पुलिस पर कोई आरोप 😞😞😞 नहीं लगा रहे हैं, हम तो पुलिसवालों से मिलजुल कर रहते हैं। प्‍लीज हमारे खिलाफ मुकदमा मत लिखवा देना योगी जी. हमें थप्‍पड़ से डर नहीं लगता पर 😞😞😞 जेल जाने से लगता है। 😞😞😞 जय हो...... 

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