सपा सांसद ने संसद को बताया "धार्मिक जमावड़े की जगह"
मुरादाबाद. समाजवादी पार्टी के संसद डॉ. एस.टी हसन ने मंगलवार को यूपी की कानून-व्यवस्था के खिलाफ आयोजित धरने में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद एक धार्मिक जमावड़े की जगह जैसी दिखने लगी है। सपा सांसद ने आगे कहा कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।
सपा सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) लोगों को निशाना बना रही है। वह किसी को भी पकड़कर दो सालों के लिए जेल में डाल देती है। सपा सांसद ने अमरोहा में दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में हुई गिरफ्तारियों पर सवाल उठाए। बता दें कि संदिग्ध एवं आतंकी गतिविधियों के आरोपों पर जांच एजेंसी ने यहां से कई युवकों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ अभी भी जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि ये सब मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए किया गया है। हसन ने आजम खान का बचाव करते हुए कहा कि राजनीतिक दुर्भावना के चलते खान के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सपा सांसद पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। संसद में तीन तलाक विधेयक पेश किए जाने के बाद हसन ने कहा था कि मुस्लिम महिला का पति यदि जेल चला गया तो परिवार की देखभाल कौन करेगा। सांसद ने यह भी कहा था कि घर आने पर यदि कोई अपनी पत्नी को किसी और के साथ देख ले तो उसे गुस्सा आ ही जाएगा। उस गुस्से में अपनी पत्नी को मार डालने या जला देने से तो अच्छा है कि तीन तलाक देकर उसे रुखसत कर दे।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें