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कोरोना अपडेट - जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन वार्ड में तब्दील होंगे रेल के डिब्‍बे



नई दिल्ली. पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना को विश्व युद्ध से भी खतरनाक बताया था. इसी आधार पर रेलवे ने सैनिटाइजर और मास्क बनाने की शुरुआत कर दी है। रेलवे जरूरत पड़ने पर कोच फैक्ट्रियों में मेडिकल उपकरण बना सकता है। इसके अलावा रेल के डिब्‍बों को आइसोलेशन वार्ड में भी तब्दील किया जा सकता है। मैकेनिकल और मेडिकल की टीम इस विकल्प पर मीटिंग भी कर रही है। 




रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रेलवे के वर्कशॉप में एंबुलेंस, बख्तरबंद गाड़ियों के निर्माण से लेकर एयरक्राफ्ट की मरम्मत तक हुई थी। मौजदा समय में कोच फैक्ट्रियों में रेल से जुड़ा सभी तरह का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है। इसलिए कोच फैक्ट्रियों में बेड, रैक, स्टैंड, मेज, कुर्सी बनाए जा सकते हैं। रेलवे बोर्ड ने इसके संबंध में रिपोर्ट भी मांगी है। 


रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर रेलवे कोचों को आइसोलेशन वॉर्ड में भी बदला जा सकता है। कोचों को मोबाइल अस्पताल में पहले भी बदल चुका है। एक कोच में चार टॉयलेट होते हैं, इसलिए 2 से 4 आइसोलेशन वार्ड बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि हर तरह के विकल्प पर विचार किया जा रहा है, स्थितियों को देखते हुए फैसला लिया जाएगा।


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