पुलिस की नाक के नीचे महिलाएं चला रहीं हैं नशे का काला कारोबार
कानपुर (सूरज वर्मा). कानपुर में पुलिस द्वारा बड़े ड्रग्स माफिया सुशील उर्फ बच्चा के नशे के व्यापार को बंद कराने के बाद से जिले की कुछ दबंग महिलाओं ने नशे का कारोबार संभाल रखा है। सूत्रों की माने तो थाना स्वरूप नगर स्थित नरेंद्र मोहन सेतु के नीचे कई ठिकानों पर कुछ दबंग महिलाओं के संरक्षण में स्मैक व गांजे का धंधा पनप रहा है। यहां स्मैक/गांजे की पुडिया सहज ही मिल जाती है।
बताते चलें कि धीमे जहर स्मैक/गांजे का नशा जिले के साथ ही अब आस-पास के गांव-कस्बों तक फैलता जा रहा है। सैंकड़ों युवकों को इसकी लत लग चुकी है, स्मैक/गांजे की सप्लाई आजकल क्षेत्र की ही महिलायें कर रही हैं। हर रोज 400 से अधिक पुडिया बेच कर युवा पीढ़ी की सांसों में नशीला धुंआ घोल रहे हैं। नशा अब शहर की सरहद को पार कर गांवों की गलियों में पहुंच कर दूध-दही से पले बढ़े युवाओं की जिंदगी को भी खोखला कर रहा है। नशे की जद में आए कई युवाओं को उनके परिजनों ने बड़े शहरों में नशा मुक्ति केंद्र पर ले जाकर उनका इलाज भी करवाया, मगर घर वापस लौटने पर वे फिर से इस धीमे जहर का शिकार बन रहे हैं। जानकारों की मानें तो स्मैक/गांजे का नशा खतरनाक नशे में शुमार है।
स्मैक/गांजे की लत लगने के बाद इसके शिकार व्यक्ति को हर हाल में नशा चाहिए होता है। तलब उठने के बाद नशेड़ी चोरी और नकबजनी तक करते हैं। पुलिस जांच में चोरी की वारदातों में शामिल रहे कई युवकों के नशे के आदी होने की बात सामने आई है। पिछले दिनों का क्राइम रिकॉर्ड देखा जाए तो अधिकतर ऐसी वारदातों में नशेडियों का ही हाथ सामने आया है। कई प्रतिष्ठान व घरों में चोरी व महिलाओं के गले से चेन, मोबाइल आदि छीनने की कई वारदातों में नशेडियों का हाथ सामने आता रहा है।
सी.ओ स्वरूप नगर महेन्द्रसिंह देव ने बताया कि मामले की सूचना मिली है, बहुत जल्दी ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही करके उनको जेल भेजा जाएगा.
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें