सभासद ने लिखवाया अधिवक्ता पर मुकदमा
कन्नौज (अवनीश तिवारी). जिले के एक अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर न्याय दिलाये जाने की मांग की है। अधिवक्ता ने फर्रुखाबाद शहर कोतवाली में दर्ज किये गए मुकदमे में वहां की पुलिस द्वारा अपने परिजनों का उत्पीड़न किये जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि अगर उसे न्याय न मिला तो वह अपने परिवार सहित अनशन करने के लिऐ विवश होगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे प्रार्थना पत्र में कन्नौज शहर के मोहल्ला ठकुराना निवासी अधिवक्ता सुमित कुमार त्रिपाठी ने लिखा है कि उसके बड़े भाई अमित कुमार त्रिपाठी का विवाह सम्बंध प्रिया शुक्ला पुत्री स्व. छून्नूलाल शुक्ला निवासी 3/8 मोहल्ला खडीआई फर्रुखाबाद के साथ माह जनवरी 2020 में तय हुआ था। बड़े भाई की शादी की मध्यस्थता कन्नौज शहर के सभासदपति व मोहल्ला नखासा निवासी पवन अवस्थी ने की थी चूंकि वधू पक्ष सभापति के ससुरालीजन हैं। इस लिहाज से अवस्थी ने दबाब देकर मेरे भाई पर एक झूठे मुकदमे में गवाही देने के लिये कहा जिसे मेरे भाई ने इन्कार कर दिया था। इसी बात को लेकर सभासद पति पवन अवस्थी के उकसावे में आकर प्रार्थी के भाई के होने वाले साले विनय शुक्ला पुत्र स्व छन्नूलाल शुक्ला निवासी 3/8 मोहल्ला खडीआई फर्रुखाबाद ने मुकदमा संख्या 1050/20 दिनाँक 29 नवम्बर 2020 को षडयंत्र करके प्रार्थी के भाई व पिता पर धारा 420,500,506 एवं 3/4 आई.पी.सी व आई.टी एक्ट की धारा 66 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है।
प्रदेश के तमाम उच्च अधिकारियों व कानपुर जोन के पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र की प्रति भेजते हुए अधिवक्ता ने उल्लेख किया है कि शादी संबंध तय करते समय मद्यस्थता करने वाले सभासद पति पवन अवस्थी व उनके ससुरालीजनों (वधु पक्ष) को स्पष्ट रूप से जनवरी 2020 में ही प्रार्थी के परिजनों द्वारा बता दिया गया था कि उसके बेटे का चार्टेड एकाउंटेंट की उपाधि का फाइनल एक्जाम होना बाकी है और नोएडा स्थित एक कंपनी में सेवारत हैं, वावजूद इसके वधू पक्ष ने अपने सगे बहनोई और सम्बन्ध के मद्यस्थ पवन अवस्थी के कहने पर न सिर्फ वैवाहिक संबंध को अपनी ओर से तोड़ दिया बल्कि षड्यंत्र करके प्राथी के भाई व पिता के विरुद्ध अवांछित धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया है शिकायती पत्र में अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारियों से मांग की है कि इस प्रकरण में उपलब्ध साक्षायो के आधार पर निष्पक्ष विवेचना कर व करवाकर प्राथी के साथ न्याय किया जाये। अधिवक्ता ने अपने पक्ष के समर्थन में दिनांक 07 सितम्बर 2020 को मुकदमे के वादी से हुई वार्ता की एक सी.डी तैयार की है जिसको सुनने से साबित होता हैं कि वधू पक्ष चार्टेड एकाउंटेंट नहीं बताया गया था। यह मुकदमा षडयंत्र करके योजनाबद्ध तरीके से गलत लिखाया गया है जिसकी एक कॉपी वो पुलिस अधीक्षक फर्रुखाबाद को दिनाँक 25 जनवरी 2021 को दे चुके हैं।
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